Monday, November 18, 2024

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नीतीश कुमार

हेल के कर जाइए न पार, ठीके त है नीतीश कुमार: बाढ़ के बीच पजामा ऊँचा कर के घूमती सरकारी निष्क्रियता

घर में फँसे डिप्टी सीएम को रेस्क्यू करना पड़ा और ​मुख्यमंत्री अमेरिका की बातें कर रहे। अधिकारियों के सामने केंद्रीय मंत्री लाचार हैं और सीएम मुंबई की याद दिला रहे। शायद, नीतीश भूल चुके हैं कि बिहार के लिए उनकी जिम्मेदारी बनती है और सवाल उनसे पूछे ही जाएँगे।

बाढ़ से बिफरे: अपनी ही सरकार पर बरसे MLA बोगो बाबू, गिरिराज भी बोले- हाँ, मैं बागी हूँ

विधायक बोगो बाबू ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार को पूर्णतया उदासीन करार दिया। उन्होंने कहा कि इन लोगों (बिहार सरकार व प्रशासन) की मानवीय संवेदना जीरो पर आउट हो गई है (शून्य हो गई है) और उन्हें मानवता से कोई मतलब नहीं है।

ताकि, सनद रहे! बिहारियों की जान बहुत सस्ती है…

यह भी चंद दिनों का ख़ब्त है। अभी आप पूरे देश के बुद्धिजीवियों, कार्यकर्ताओं को केरल और चेन्नै के बहाने गाली दे रहे हैं, लेकिन यह भूल जा रहे हैं कि आज के युग में आर्थिक बल ही सब कुछ है। बिहार यहाँ नीचे से पहले पायदान पर है।

बिहार में बाढ़: न पहली, न आखिरी बार… आखिर क्यों डूबते हैं शहर?

हुजूर! यही हैं हम। यही है हमारा देश… आज केवल मेरा शहर नहीं डूबा, मेरा पूरा राज्य डूब गया है। छपरा, सिवान, पटना सब डूबे हुए हैं। शहर यदि नदियों के बाढ़ से डूब जाएँ तो बात समझ में आती है, पर बरसात से डूबें तो बात समझ में नहीं आती।

‘केवल दो नर ना अघाते थे, धृतराष्ट्र-विदुर सुख पाते थे’: बाढ़ से 29 की मौत, 1.3 लाख छात्रों की परीक्षाएँ रद्द

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यह प्रकृति का प्रकोप है, जिसके आगे मनुष्य अक्सर असहाय हो जाता है। उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि किसी को नहीं पता कि मूसलाधार बारिश कब तक जारी रहेगी? मौसम विभाग भी ऐसी स्थिति में असहाय है।"

एक पुरुष उत्सुक नयनों से देख रहा था प्रलय प्रवाह: पटना जलमग्न, 24 घंटे में 25 मौतें

बिहार सरकार की हर घर नल से जल पहुॅंचाने की योजना की तो हालत खस्ता है। लेकिन, बारिश ने राजधानी पटना में जरूर जल को द्वारे-द्वारे पहुॅंचा दिया है। आम लोग ही बेबस नहीं हैं, राज्य के उपमुख्यमंत्री का घर भी पानी से लबालब है। सड़कें, रेल की पटरियॉं जलमग्न हैं और बिजली गुल।

बहुत हुआ नीतीश कुमार, अब किसी BJP नेता को मिलना चाहिए CM बनने का मौका: पूर्व केंद्रीय मंत्री

पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से गठबंधन का चेहरा बने हुए हैं, इसीलिए यह मौक़ा किसी भाजपा नेता को मिलना चाहिए।

लालू के लाल से टूटी आस तो राजद नेता ने भी कहा- एनडीए छोड़े तो ठीके हैं नीतीश कुमार

कल तक लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के कसीदे पढ़ने में नहीं अघाने वाले नेता भी अब जमीनी हकीकत भॉंप ऐसे चेहरे की तलाश कर रहे हैं जो चुनावी नैया पार लगा सके। तेजस्वी के नेतृत्व पर साथी दलों के असमंजस के बाद अब राजद में भी दिख रही बेचैनी।

बिहार: 4 दिन में मारे 300 नीलगाय, JCB से गड्ढे में धकेल जिंदा ही कर दिया दफन

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक नीलगाय को पहले गोली मारी गई, लेकिन वह मरी नहीं। इसके बाद जिंदा ही उसे जेसीबी की मदद से एक गड्ढे में दफना दिया गया। घटना 1 सितंबर की है। मामला सामने आने के बाद 3 सितंबर को जाँच के आदेश दिए गए।

बाढ़, चमकी बुखार और बेरोज़गार… हर दिन मर्डर और बलात्कार… आखिर ठीके कैसे है नीतीश कुमार?

बिहार पुलिस का आँकड़ा कहता है कि जनवरी 2019 से मई 2019 तक (सिर्फ 5 महीनों में) 1277 हत्याएँ, 605 बलात्कार, 3001 दंगे, 4589 अपहरण जैसे संगीन जुर्म इस राज्य में हुए (हुए शायद ज्यादा होंगे!) और जो आधिकारिक तौर पर दर्ज किए गए।

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