मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न का दावा करते हुए दाखिल किए गए शपथपत्र को हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ बड़ी ताकतें अगले हफ्ते सुनवाई होने वाले महत्वपूर्ण मुकदमों से पहले उन्हें असहज करके न्यायपालिका को अस्थिर बनाना चाहती हैं।
जो बात अवमानना कानून के भय से देश के उग्रतम पत्रकार और भ्रष्टाचार से लड़ रहे कार्यकर्ता बोलने से कतरा जाएँ, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने दो-टूक कह दी।