अलीपुरद्वार में कलचीनी से विधायक विल्सन चामपरामरी ने भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि वो सोमवार (जून 24, 2019) को भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि उनके साथ 18 पार्षद भी सदस्यता लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये जानकारी भी दी कि पार्टी के कई और नेता भी भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी हाईकमान के संपर्क में है।
दलाली की रकम को वापस किए जाने की माँग को लेकर भाजपा ने प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही भाजपा नेता के घर को निशाना बना दिया गया। सरकारी योजनाओं में दलाली के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले भाजपा नेता के घर में बमबारी और फायरिंग की गई है।
इससे पहले, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के भाटपारा इलाक़े में एक बार फिर हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसके बाद क्षेत्र में भाजपा का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया था। प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान पश्चिम बंगाल पुलिस की निंदा करने वाले नारे लगाए गए।
ममता बनर्जी को समझ में आ गया है कि तृणमूल को मुस्लिम तुष्टिकरण भारी पड़ेगा। 2019 के चुनावों ने दिखा दिया कि भाजपा के बंगाल में उत्थान में बहुत बड़ा ध्रुवीकरण था। अगर तृणमूल के पक्ष में मुस्लिम लामबंद हुए तो हिन्दुओं ने भी भाजपा को वोट दिए।
एसएस अहलूवालिया ने कहा कि भाटपारा में हुई हिंसा से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह काफी दुखी हैं। ऐसी घटनाएँ केवल पश्चिम बंगाल में हो रही हैं। वो इस बारे में संबंधित व्यक्तियों से बात करेंगे और गृह मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे।
राज्य में राजनीतिक हिंसा बेरोकटोक जारी है और भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की हत्याएँ लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। यहाँ तक कि महिलाओं को भी नहीं बख़्शा जा रहा है। हर दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
झड़प के दौरान, दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर कच्चे बम फेंके और गोलियाँ भी बरसाई। स्थिति पर नियंत्रण के लिए जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे। फ़िलहाल घायलों को इलाक़े के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वह लगातार असमंजस में हैं कि कार्रवाई करें तो करें कैसे? अब उनकी मुश्किल थोड़ी आसान की है वहाँ के कुछ लोगों ने ही। बंगाल के कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर हाल में घटित घटनाओं पर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की है।
जय श्री राम के अलावा बंगाल विधान सभा में जय माँ काली, अल्लाहु अकबर और राधे-राधे भी सुनाई दिया। अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने कहा कि विधान सभा या संसद की कार्यवाही में किसी भी प्रकार के रिलिजियस नारे लगाना संविधान के विरुद्ध आचरण है।
दलित समुदाय से आने वाली भूगोल की प्रोफेसर सरस्वती केरकेटा ने आरोप लगाया कि छात्रों व कर्मचारियों के एक वर्ग ने उनकी जातीय पृष्ठभूमि को लेकर अपशब्द कहे थे और क्लास में जानबूझ कर बैठने के लिए कुर्सी नहीं दी थी।