पाकिस्तान ने हिन्दुओं की आस्था का एक बार फिर से अपमान किया है। पाकिस्तान की सरकार ने एक हिन्दू दम्पति को PoK स्थित माँ शारदा पीठ के दर्शन के लिए अनुमति तो दे दी लेकिन मन्दिर में जाने से रोक दिया। उन्हें मन्दिर के पास की नदी में ही पूजा-अर्चना कर लौटना पड़ा।
भूकंप के कारण पाकिस्तान के इस्लामाबाद, रावलपिंडी, मुर्री, झेलम, चारसद्दा, स्वात, खैबर, एबटाबाद, बाजौर, नौशेरा, मनसेहरा, बत्तग्राम, तोगर और कोहितान में तेज झटके महसूस किए गए।
पीओके में पाकिस्तान के अवैध कब्जे के ख़िलाफ़ लोग आवाज़ उठा रहे हैं, जिसे मीडिया से दूर रखने और दबाने के लिए पाकिस्तान सरकार क्रूरतापूर्वक दमनकारी अभियान चला रही है।
इमरान खान की रैली में भीड़ दिखाने के लिए पाकिस्तान के एबटाबाद और रावलपिंडी से लोगों को ट्रकों में भरकर लाया गया। पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब ने बताया कि इस रैली का बहिष्कार करने पर पीओके की जनता को वैश्विक समुदाय से बधाई मिलनी चाहिए।
"आप दूसरों को उपदेश देते फिरते हो लेकिन अपने ही देश का मज़ाक बना रखा है। चंद्रयान-2 भारत का ऐतिहासिक मिशन है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। तुम सब चाहते हो कि यह असफल हो। तुम सब बस कश्मीर और चंद्रयान-2 को लेकर ही चिंतित हो।"
हाल ही में गिलगित बाल्टिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अमित शाह के उस बयान का स्वागत किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीओके भी जम्मू कश्मीर का हिस्सा है और उसके लिए जान भी दे सकते हैं।
"अगर हिंदुस्तान सच में 370 को हटा कर कश्मीर का पूर्ण विलय हिंदुस्तान में कर ले गया तो ट्रम्प का कश्मीर मामले पर मध्यस्थता करना पाकिस्तान को ही महँगा पड़ेगा।"
शैव सम्प्रदाय की शुरुआत करने वाले आदि शंकराचार्य और वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक रामानुजाचार्य दोनों ने ही यहाँ महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की थीं। शंकराचार्य यहीं सर्वज्ञपीठम पर बैठे तो रामानुजाचार्य ने यहाँ ब्रह्म सूत्रों पर अपनी समीक्षा लिखी थी।
शौकत अली कश्मीरी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना कश्मीरियों को इस बात के लिए उकसा रही है कि अब वे हलके-फुल्के हथियारों का प्रयोग न कर के भारत के ख़िलाफ़ आत्मघाती हमलों को अंजाम दें। ऐसा पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड जनरलों द्वारा खुलेआम प्रचारित किया जा रहा है।