Friday, April 26, 2024
Homeविविध विषयअन्यभारतीय धरोहर ‘शारदा पीठ’ कॉरिडोर को खोलने की मंज़ूरी, 5000 साल पुराने मंदिर के...

भारतीय धरोहर ‘शारदा पीठ’ कॉरिडोर को खोलने की मंज़ूरी, 5000 साल पुराने मंदिर के दर्शन करना होगा संभव

अनंतनाग में रहे कश्मीरी पंडितों ने माँ सरस्वती के निवास के रूप में विख्यात शारदा देवी मंदिर में दर्शन करने के लिए रास्ता निकालने को लेकर अनेकों बार प्रदर्शन किए थे, जिसका समर्थन पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने भी किया था।

पाकिस्तान ने हिन्दुओं के पवित्र धर्मस्थल शारदा पीठ के कॉरिडोर को खोलने की मंज़ूरी दे दी है। पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित शारदा पीठ मंदिर किसी पहचान की मोहताज नहीं है। यह माँ सरस्वती के निवास स्थान के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध है। कश्मीर के कुपवाड़ा से क़रीब 22 किलोमीटर दूर यह मंदिर महाराज अशोक के द्वारा 237 ईसा पूर्व में बनवाया गया था।

बता दें कि कश्मीरी पंडितों की तरफ से इस कॉरिडोर को खोलने के लिए लंबे समय से माँग की जा रही थी। अनंतनाग में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने माँ सरस्वती के निवास के रूप में विख्यात शारदा देवी मंदिर में दर्शन करने के लिए रास्ता निकालने को लेकर अनेकों बार प्रदर्शन किए थे, जिसका समर्थन पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने भी किया था। न्यूज़ एजेंसी ANI ने पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से इस ख़बर को शेयर किया है।

शारदा पीठ के संबंध में ब्राहम्ण ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष रमेश किचलू ने मुंबई मिरर से बातचीत में कहा था कि यदि पुराने समय की बात करें तो छठी और बारहवीं सदी के बीच शारदा पीठ अध्ययन करने का एक बड़ा केंद्र हुआ करता था।

शारदा पीठ के इतिहास में एक लोक प्रचलित कहानी है, जिसमें एक चिड़िया अपनी चोंच से पत्थरों पर अक्षर लिखती है… इस बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

शारदा पीठ को लेकर एक मान्यता यह भी है कि ऋषि पाणिनि ने यहाँ अपने अष्टाध्यायी की रचना की थी। यह श्री विद्या साधना का महत्वपूर्ण केन्द्र था। शैव सम्प्रदाय की शुरुआत करने वाले आदि शंकराचार्य और वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक रामानुजाचार्य दोनों ने ही यहाँ महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की थीं। शंकराचार्य यहीं सर्वज्ञपीठम पर बैठे तो रामानुजाचार्य ने यहाँ ब्रह्म सूत्रों पर अपनी समीक्षा लिखी थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe