दिल्ली हाईकोर्ट चिदंबरम को 'किंगपिन' बताते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। HC ने चिदंबरम के मामले को मनी लॉन्ड्रिंग का 'क्लासिक उदाहरण' बताते हुए कहा कि ऐसे केस में यदि आरोपित को जमानत दी जाती है, तो इससे समाज में बेहद खराब संदेश जाएगा।
INX मीडिया घोटाले के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व गृह और वित्तमंत्री पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है। सीबीआई और ED दोनों ने ही अदालत से कहा था कि चिदंबरम से पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाना ज़रूरी है क्योंकि सामान्य पूछताछ में वे गोलमोल जवाब दे रहे थे।
"पी चिदंबरम कितने समय तक केंद्रीय मंत्री रहे? देश को क्या फायदा हुआ... वह सिर्फ़ धरती पर बोझ हैं।" तमिलनाडु सीएम ने कहा कि लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री रहते हुए पी चिदंबरम ने कभी राज्य से संबंधित कावेरी नदी के विवाद को नहीं उठाया।
चिदंबरम ने सात राज्यों में सत्तारूढ़ क्षेत्रीय दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों ने बीजेपी के डर की वजह से विरोध नहीं किया। साथ ही कहा था कि देश के 70 साल के इतिहास में पहली बार एक राज्य को केन्द्रशासित प्रदेश बना दिया गया है।
इस बयान को लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने चिदंबरम को आड़े हाथों लिया है। यूजर्स ने कहा है कि पार्टी के गर्त में पहुॅंचने के बाद भी कॉन्ग्रेसी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। कुछ लोगों ने कॉन्ग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति पर सवाल उठाए हैं, तो कुछ ने चिदंबरम से पूछा है कि यदि जम्मू-कश्मीर हिन्दू बहुल राज्य होता तो क्या नेहरू आर्टिकल 370 की सौगात देते?
इस केस में चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम पर अनुचित लाभ हासिल करने का आरोप है। कार्ति को आईएनएक्स मीडिया से जुड़े एक अन्य मामले में मार्च 2018 में गिरफ़्तार भी किया गया था।
पिछले साल, इंद्राणी मुखर्जी ने एक सनसनीखेज खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि वे चिदंबरम से उनके नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय में मिली थीं और उनसे उनकी मीडिया कंपनी में विदेश निवेश के लिए क्लीयरेंस की माँग की थी। इंद्राणी का दवा है कि पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने उनसे अपने बेटे कार्ति के व्यवसाय में मदद करने को कहा था।
डीईए, सीबीआई और डीओपीटी ने सीवीसी से राय मांगी थी जिसके आधार पर सीवीसी ने इन चारों पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार में वर्तमान प्रमुख सचिव प्रबोध सक्सेना और डीईए के पूर्व अवर सचिव रबिन्द्र प्रसाद का भी नाम है।
स्पेशल जज ओपी सैनी ने चिदंबरम पिता-पुत्र के वकील और कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय लिया। सरकारी एजेंसियों की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जाँच पूरी करने के लिए और समय की माँग की।