दिल्ली की एक विशेष अदालत ने पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 23 अगस्त तक रोक लगा दी है। मामला एयरसेल-मैक्सिस केस से जुड़ा है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी सरकारी एजेंसियाँ इस मामले की जाँच कर रही हैं। इससे पहले भी कई बार चिदंबरम पिता-पुत्र को गिरफ़्तारी से अदालत राहत दे चुकी है। अदालत ने इस मामले में जमानत के लिए 23 अगस्त और संज्ञान लेने के लिए 6 सितम्बर की तारीख मुक़र्रर की है।
पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री रहते विदेशी निवेशकों के साथ मिल कर मनी लॉन्डरिंग को अंजाम दिया। चिदंबरम पर प्रवर्तन निदेशालय ने अपने पद और पावर के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। चिदंबरम ने 2006 में केंद्रीय वित्त मंत्री रहते मॉरीशस की एक कम्पनी को निवेश हेतु FIPB (Foreign Investment Promotion Board) क्लियरेंस दिया था।
A Special Delhi court extends till August 23, the interim protection from arrest to P Chidambaram and Karti Chidambaram in Aircel-Maxis cases filed by CBI and ED. Matter has been adjourned to 23rd August for bail applications and 6th September for cognizance. (file pics) pic.twitter.com/MZez8lxtAN
— ANI (@ANI) August 9, 2019
ईडी ने कहा है कि चिदंबरम ने ऐसा करने के लिए एफडीआई के तमाम नियमों को ताक पर रख दिया। इस केस में चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम पर अनुचित लाभ हासिल करने का आरोप है। कार्ति को आईएनएक्स मीडिया से जुड़े एक अन्य मामले में मार्च 2018 में गिरफ़्तार भी किया गया था। पिछले वर्ष अदालत ने दोनों पिता-पुत्र को 1 नवम्बर तक गिरफ़्तारी से राहत प्रदान की थी। उसके बाद से कई मौकों पर इसे बढ़ाया गया है।