'दी लल्लनटॉप' के संपादक हैं सौरभ द्विवेदी। कंडोम से बहुत प्यार करते हैं। खुद के बजाय दूसरों को भी इसका महत्व बताते चलते हैं लेकिन अपमानित करने लिए... उन्होंने कहा कि भाजपा वालों को बच्चा पैदा नहीं करना चाहिए। अगर इनके भाजपाई पिताजी ने स्वयं इनकी सलाह मान ली होती तो... पढ़िए, मम्मी कसम मारक मजा मिलेगा।
CAA विरोध में सिर्फ़ तिरंगा और महात्मा गाँधी की तस्वीर लेकर लोग चल रहे? सब कुछ शांति से हो रहा? देश में कहीं कोई दंगा नहीं? प्रोपेगेंडा पत्रकार राजदीप ने तो यही कहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें उनकी औकात बता दी गई - फोटो, वीडियो के साथ, प्रमाण देकर।
शेखर गुप्ता ने दावा किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक वह नहीं है, जिसके लिए भाजपा को वोट दिया गया था। जबकि थोड़ा सा गूगल कर लेते तो उनके जैसे 'वरिष्ठ' पत्रकार को लोकसभा चुनाव 2019 में BJP का घोषणापत्र मिल जाता, जिसमें साफ-साफ लिखा है कि...
हैदराबाद वाला मामला मजहबी नहीं लगता लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मजहबी बलात्कार होते ही नहीं! रवीश जैसों की कोशिश यह है कि इस घटना का इस्तेमाल कर उन तमाम 'रेप जिहाद' की खबरों को चर्चा से गायब कर दिया जाए जहाँ बलात्कारी का मकसद मजहबी घृणा ही है, और कुछ नहीं।
"मैं और एला उस दौरान बकिंग्घम पैलेस में महारानी के स्विमिंग पूल में नंगे तैरते थे। दोनों ने साथ में MDMA (एनर्जी और सेंसेशन बढ़ाने के लिए लिया जाने वाला एक तरह का ड्रग) भी लेते थे।" इसके बाद आतिश अपने लेख को थोड़ा एंगल देते हैं - भावनाओं का तड़का लगा कर। वो बताते हैं कि...
रवीश कुमार ने एक रिपोर्टर के रिपोर्ट का मजाक सिर्फ इसलिए उड़ाया क्योंकि वो रिपोर्टर उनके इतना बड़ा पत्रकार नहीं है और उसने रिपोर्ट अयोध्या के दीपोत्सव पर लिखी। आखिर रवीश से उम्मीद भी तो यही बची है।