डोनाल्ड लू जब अल्बानिया में थे तब वहाँ उन्होंने युवाओं से सरकार को उखाड़ फेंकने को कहा था। जब वो किर्गिस्तान में थे तो सरकार विरोधी आंदोलन हुए और वहाँ के राष्ट्रपति सूरोनबे शिरिपोविच जीनबेकोव को इस्तीफा देना पड़ा था। पाकिस्तान में इमरान खान ने भी उन पर ही खुद को सत्ता से बेदखल करने का आरोप लगाया।
छात्र यदि उपद्रवी हो जाएँ और उसी देश की संपत्ति को तोड़ने फोड़ने लगें, अपनी बात मनवाने के लिए लोगों के कत्लेआम पर उतर आएँ तब इन्हें छात्र कैसे माना जाएगा?
रवीश कुमार ने अपनी वीडियो में उपद्रवी भीड़ द्वारा प्रधानमंत्री आवास में की गई लूटपाट को सही दिखाया और समझाया कि कैसे लोग कह रहे हैं ये लूट नहीं थी बल्कि जनता की शक्ति थी।
नहीं, भारत कभी भी पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका या बांग्लादेश नहीं बन सकता। यहाँ वार्ड से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव उत्सव है। यहाँ लोग विविधता के साथ तारतम्यता में जीते हैं। यहाँ की सेना का अनुशासन और उनकी प्रशिक्षण प्रक्रिया ऐसी है कि तख्तापलट जैसी चीजें सोची भी नहीं जा सकतीं। भारत में लगातार विकास हो रहा है, किसानों को मिल रही सरकारी सहूलियतें उनका जीवन आसान बनाती हैं।