ये ज़मीन से ज़मीन तक मार करने वाली आधुनिक मिसाइल है। अग्नि-2 एक टन तक परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है। इसे डीआरडीओ की एडवांस सिस्टम लेबोरेटरी ने तैयार किया है। इसकी लम्बाई लगभग 20 मीटर होती है।
सिंधु सुदर्शन ऑपरेशन में लगातार 12 घंटे तक युद्ध लड़ने की क्षमता को मैदान में परखा जाएगा। युद्धाभ्यास के दौरान मैकेनाइज्ड फ़ोर्स पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग करने जा रही है। इसके तहत युद्ध क्षेत्र में इज़रायली यूएवी हेरोन, हेलीकॉप्टर व सैटेलाइट से...
पूर्व एयर मार्शल बीएस धनोआ के अनुसार उनके बयान को राजनीति से जोड़ने वाले गलत साबित हुए हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि राफेल शानदार विमान है और वायु सेना इससे सशक्त होगी।
डीजीसीए के एक अधिकारी ने इस यात्री विमान को कमर्शियल की जगह मिलिट्री का 'ट्रांसपोंडर कोड' दे दिया था। गलत कोड देने की वजह से पाकिस्तानी रडार पर यह भारतीय वायुसेना का विमान दिखाई दे रहा था।
जैसे ही कनफ़्यूज़न ख़त्म हुआ, पाक फाइटर जेट्स ने स्पाइसजेट को अपने एयरस्पेस से बाहर तक जाने का रास्ता दिया और तब तक उसके साथ रहे जब तक वह अफ़ग़ानिस्तान की सीमा में दाखिल नहीं हो गया। DGCA की तरफ़ से इस बात की पुष्टि की गई है।
परेड का एक हिस्सा था वायुसेना का battle formation, इसमें शामिल थे तीन मिराज-2000, और उन्हें अपने सुरक्षा घेरे में लिए हुए दो Sukhoi-30MKI और इन्हीं Sukhoi-30MKI में से एक का नाम है Avenger-1, जिसके लिए पाकिस्तानी वायु सेना ने दावा किया था कि उसने इस विमान को 27 फरवरी की झड़प में मार गिराया था।
भारतीय वायुसेना के जवानों की हत्या तब की गई थी जब उनके पास कोई भी हथियार नहीं था और वे एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे। वहाँ भारतीय वायुसेना के 14 जवान थे। जवानों के अलावा 2 कश्मीरी महिलाओं की भी हत्या कर दी गई थी।
एयर चीफ़ मार्शल भदौरिया ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाइयों को बड़ी उपलब्धि बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में पाकिस्तान की तरफ से कोई भी आतंकी गतिविधि को अंजाम दिया गया तो सरकार की योजना के अनुसार उसका उचित जवाब दिया जाएगा।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान फिर से बालाकोट में आतंकी शिविरों को शुरू कर रहा है। जरूरत पड़ने पर दोबारा कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम तब भी तैयार थे और आगे भी हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।
तेजस विमान भारतीय वायु सेना की 45वीं स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग ड्रैगर्स' का हिस्सा है। इस लड़ाकू विमान को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने डिज़ाइन और विकसित किया है।