मंदिर की दीवालों पर लगे चित्रों को उखाड़ कर जमीन में पटक दिया गया। मंदिर में पूजा-पाठ और अन्य उपयोगी साजोसामान को एक जगह ला कर बड़े बेढंगे तरीके से फेंक दिया गया है।
ये सब झालावाड़ जिला के रहने वाले हैं। चोरों ने मंदिर में माता की प्रतिमा के सामने हाथ जोड़ कर कहा, "हे माँ, हमें माफ़ कर दो। हमसे गलती हो गई कि हमने यहाँ चोरी की।"
106 साल पुराने इस मंदिर का जीर्णोद्धार साल 2021 में भारतीय सेना ने स्थानीय लोगों की मदद से किया था। लोग इस मंदिर को बहुलवादी संस्कृति का प्रमाण मानते हैं।