मस्जिद पक्ष द्वारा माँग की जाएगी कि इस मामले की सुनवाई को तत्काल रोक दी जाए। मस्जिद के पक्षकारों का दावा है कि उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक़ निचली अदालत में इसकी सुनवाई नहीं हो सकती।
मस्जिद को ढकने के लिए दो तरह के तिरपालों का प्रयोग किया गया है। एक काले तिरपाल और एक लाल-पीले तिरपाल का प्रयोग किया गया है। अलीगढ़ में होली पर व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए क़रीब 5000 लोगों नोटिस जारी किया गया है और 1000 लोगों को पाबंद किया गया है।
एक-एक मस्जिद, मदरसे की निगरानी करने को कहा गया है। कुछ भी संदिग्ध मिलने पर एडीजी को तत्काल सूचना भेजने का आदेश दिया गया है। नेपाल की सीमा से सटे जिलों में अचानक से बड़ी संख्या में मस्जिद, मदरसे सामने आए हैं।
सोशल मीडिया के जरिए सामने आ रहे ये वीडियो दिल्ली के अशोक नगर के बताए जा रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग मस्जिद के ऊपर चढ़कर मस्जिद के स्पीकर नीचे फेंक रहे हैं और उस पर कोई झंडा फहरा रहे हैं।
स्लोवाकिया देश सिर्फ अपनी बॉर्डर में सिर्फ ईसाई माइग्रेंट्स को ही आने की इजाजत देता है। यानी, अगर देश की सीमा पार करने की कोशिश कोई मुस्लिम करता है, तो उसे भगा दिया जाता है। इससे साफ़ है कि ये देश मुस्लिमों को सीमा में नहीं आने देना चाहता।
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में बिजली के बकाया भुगतानों और नई योजनाओं को बताने के लिए मंदिर और मस्जिद में लगे लाउड स्पीकर्स का उपयोग किया जाएगा। किसानों के लिए आसान किस्तों में ट्यूबवेल योजना के अलावा चल रही अन्य स्कीमों के बारे में जानकारी देने के लिए...
टोक्यो में होटलों और सार्वजनिक क्षेत्रों में प्रार्थना स्थलों की कमी है, इसी को देखते हुए प्रशासन ने ‘मोबाइल मस्जिद’ का निर्माण करवाया है। यह ‘मोबाइल मस्जिद’ 48 वर्ग मीटर का ट्रक के पीछे बना एक प्रार्थना कक्ष है। जिसमें प्रार्थना के सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
"ज्ञानवापी में सतयुग से ही भगवान विश्वेश्वर विराजमान हैं, एएसआई के सर्वे के बाद इस मामले में सच्चाई समाने आ जाएगी। परिसर के मालिक भी भगवान विश्वेश्वर ही हैं। एक मंडप को तोड़ कर औरंगज़ेब ने मस्जिद खड़ी कर दी थी।"
"सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के मुताबिक मस्जिद निर्माण के लिए भूमि उपयुक्त जगह पर नहीं दी गई है। वहाँ अयोध्या के लोग नमाज पढ़ने नहीं जा सकते। हम अब राज्य सरकार के आवंटन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।"
दिल्ली में करीब 12 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। कई सीटों पर उनका प्रभाव है। एक तबका भाजपा को वोट देता रहा है। लेकिन, दिल्ली के इमाम चाहते हैं कि इस बार मुस्लिम अपनी पसंद के हिसाब से वोट न करें। इसके लिए वे कोशिश कर रहे हैं।