ज़हीर सैयद महाराष्ट्र के गढ़चंदूर स्थित महाविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं। उनका दावा है कि राजनीतिक घटनाक्रम से वे ‘सदमे’ में हैं और बीमार हो गए हैं। हालॉंकि छुट्टी की उनकी अर्जी नामंजूर की दी गई है।
न्यायमूर्ति एनवी रमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ मामले की सुनवाई करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल हैं। वे 2018 में कर्नाटक राजनीतिक संकट के दौरान फ्लोर टेस्ट का आदेश देने वाली तीन-सदस्यीय पीठ के भी सदस्य रहे हैं।
एनसीपी नेता अजित पवार के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस ने शनिवार की सुबह शपथ ली। पवार उपमुख्यमंत्री बने हैं। इसे शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
शिवसेना के नेता मिलिंद नार्वेकर और एकनाथ शिंदे दो एनसीपी विधायकों संजय बंसोड और बालासाहब पाटिल को मुंबई एयरपोर्ट से लेकर आए। कहा जा रहा है कि ये दोनों अजित पवार गुट के विधायक हैं।
कहा जाता है कि पवार ने 41 साल पहले जो कुछ किया था वो अपने राजनीतिक गुरु यशवंत राव चव्हाण के इशारे पर किया था। तो क्या अजित भी अपने राजनीतिक गुरु शरद पवार की मिलीभगत से ही भाजपा के पाले में गए हैं?
"मुझे पता है कि 10-11 विधायक अजित पवार के साथ हैं। लेकिन बागी विधायकों को मेरी चेतावनी है। मैंने अपने भतीजे अजित के फ़ैसले का समर्थन नहीं किया है। अगर विधायक उससे हाथ मिलाते हैं तो उन्हें दल-बदल विरोधी क़ानून याद रखना चाहिए। वे अपनी सदस्यता खो सकते हैं।"
संजय राउत ने कहा कि वो धनंजय मुंडे के संपर्क में हैं। साथ ही उन्होंने अजित पवार के वापस आने की भी संभावना जताई है। उनका कहना है कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे कौन है, इसका खुलासा जल्द ही सामना अखबार में किया जाएगा।
शिवसेना ने भी अपने विधायकों को काफ़ी दिनों तक ठाकरे परिवार के निवास मातोश्री के पास ही स्थित एक होटल में रखा था। उन विधायकों को आधार कार्ड के साथ तलब किया गया था। अब कॉन्ग्रेस के विधायक भी जयपुर के रिसोर्ट में जाएँगे।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हट गया और देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार एनसीपी के एक धड़े के साथ भाजपा से जा मिले और डिप्टी सीएम बने। कब, क्या और कैसे हुआ, पल-पल की कहानी।
"अभी लोकतंत्र की हत्या हो गई? जब शिवसेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर 30 साल की दोस्ती तोड़कर अपने घोर विरोधियों का दामन थाम ले तो ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है क्या?"