"आजम खान ने लोकसभा सांसद होते हुए भी 'लाभ के पद' जौहर विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया है। इसलिए वह लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हैं और उन्हें लोकसभा से निलंबित किया जाना चाहिए।"
अब जबकि राजनीतिक मुकाबले इतने करीबी होने लगे हैं, तो भाजपा समेत सभी दलों के हित में होगा कि वे NOTA पर भी एक राजनीतिक प्रतिस्पर्धी के तौर पर ध्यान दें।
मोदी ने कहा, "मेरे जीवन के कई पड़ाव रहे, इसलिए मैं इन चीजों को भली-भांति समझता हूँ, मैंने इतने चुनाव देखे, हार-जीत सब देखे, लेकिन मैं कह सकता हूँ कि मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार की तीर्थयात्रा थी।"
चुनावी माहौल में इस तरह की खबरें अभी तक केवल पश्चिम बंगाल से सुनने-देखने को मिलीं थी, लेकिन रुझान आने के बाद अब ये दृश्य सीपीआई के कार्यालय के बाहर भी देखने को मिल रहा है।
जनता के बीच 'हेट पॉलिटिक्स' का बाजा बजाकर BJP को सत्ता से उखाड़ फेंकने की गुहार लगाने वाले अब अपने घर के केबल, डीटीएच की तारों को बेदर्दी से उखाड़ रहे हैं। उन्हें यकीन नहीं हो पा रहा है कि 'सेकुलर' नागरिक के घर में लगी LED इतने कट्टर रुझान कैसे दिखा सकती है।
एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के हिंसा भड़काने वाले विवादास्पद बयान की जाँच हो रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस कुशवाहा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और अगर इस बयान से किसी तरह की हिंसा हुई, तो इसके जिम्मेदार उपेंद्र कुशवाहा होंगे।
बताया जाता है कि जेना अपने मित्र के साथ मोटर साइकिल से जा रहे थे जब चार हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग की। हमले की जाँच जारी है। कहा जा रहा है की हमले की वजह आपसी रंजिश है।
कॉन्ग्रेस जनादेश को EVM से छेड़छाड़ बताकर लगातार जनादेश का अपमान करती नजर आई। नतीजा ये रहा कि नालायक विपक्ष द्वारा तैयार किए गए फासिस्ट, भक्त, दलित पर अत्याचार, अल्पसंख्यकों में डर का माहौल, EVM हैक, बिकी हुई मीडिया, कट्टर हिन्दू जैसे नैरेटिव नरेंद्र मोदी की छवि ख़राब करने के बजाए उन्हें महामानव बनाते चले गए।