हिन्दी में कहें तो हताश कॉन्ग्रेस के लिए हाथ-पाँव मारकर, नदी में विसर्जन का नारियल निकालने के चक्कर में मरे हुए आदमी की काई जमी खोपड़ी का भी मिल जाना एक उपलब्धि ही है।
कॉन्ग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व: प्रियंका गाँधी ने कई मंदिरों के दर्शन करने के साथ-साथ गंगा-आरती में भी हिस्सा लिया। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी बोट यात्रा समाप्त होगी। प्रयागराज में उन्होंने मोतीलाल नेहरू के बनाए स्वराज भवन में रात गुजारी।
सैयद क़ासिम रसूल इलियास मुर्शिदाबाद ज़िले की मुस्लिम बहुल सीट जंगीपुर सीट से वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया (WPI) के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। यह सीट पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत के पास थी।
दिल्ली बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं पर धार्मिक आधारों पर मतदाताओं के धुव्रीकरण का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मस्जिदों में विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करने की अपील की।
इस सवाल का जवाब कॉन्ग्रेस बखूबी जानती है कि मोदी ने जिस कुशलता के साथ अपने कार्यकाल को पूरा किया है, वो कॉन्ग्रेस से 70 सालों में नहीं हो सका। राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस पार्टी का गिरता स्तर पता नहीं कब क्या नया बखेड़ा खड़ा कर दे, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
ऐसे में सिर्फ एक व्यक्ति बचता है जो अभी प्रधानमंत्री है, और आगे भी हर हाल में प्रधानमंत्री बनना चाहता है। जिसके पास न अब सत्ता और षड्यंत्रों के अनुभवों की कमी है, न संसाधनों की, न समर्थकों की, न ऊर्जा की, न मुद्दों की और न ही दिलेरी की।