स्कूलों की पोल तब खुली, जब पैरेंट्स एसोसिएशन ने एक आरटीआई दाखिल की। 2000 से अधिक स्कूलों में फायर एनओसी का न होने का मतलब है कि 2 लाख बच्चे ख़तरे की जद में आ जाते हैं। दिल्ली सरकार किस अनहोनी के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठी है?
केंद्रीय विद्यालय ने चेन्नई क्षेत्र के अपने सभी 49 स्कूलों में पता किया लेकिन यह प्रश्नपत्र उनमें से कहीं का नहीं है। डीएमके प्रमुख ने दावा किया था कि इस प्रश्न-पत्र में मुस्लिमों के लिए भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है।
मिर्ज़ापुर में एक सरकारी स्कूल में छात्रों को मिड डे मील के नाम पर नमक-रोटी दिए जाने की बात सामने आई थी। स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल ने इसका वीडियो बनाया था, जिसके बाद प्रशासन द्वारा उनके ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दायर कर दिए गए।
नाम बताने से इनकार करने पर सीनियर छात्र गाली-गलौज पर उतर आए। भड़के हुए सीनियर छात्रों ने अपने अन्य साथियों को भी बुला लिया और अभद्रता की। विजय के मुताबिक प्रॉक्टर कार्यालय की टीम उनके ख़िलाफ़ ही बातें कर रही थीं।
"शिक्षा प्रणाली को बदला जाना चाहिए, और यह लोगों द्वारा किया जा सकता है, क्योंकि भारत में शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है और समाज का भी इस पर कुछ नियंत्रण है। अगर समाज को लगता है कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव होना चाहिए, तो..."
ऐसी भेदभाव पूर्ण प्रथा के बाहर आने के बाद भी किसी भी लिबरल गैंग का इस पर कोई विरोध या प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। शायद आए भी नहीं क्योंकि यहाँ बीजेपी नेता जहाँ इस आदेश का विरोध कर रहे हैं तो वहीं लिबरल गैंग बीजेपी विरोध में घोर जातिवादी प्रथा का मौन समर्थन।
मध्य हावड़ा स्थित श्रीरामकृष्ण शिक्षालय से भी एक गंभीर मामला सामने आया था। यहाँ कक्षा एक में पढ़ने वाले एक छोटे बच्चे की सिर्फ़ इसीलिए पिटाई की गई थी क्योंकि उसने 'जय श्री राम' कहा था।
2016 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में इंटरव्यू कर डॉक्टरों की बहाली की थी। इसके अलावा पाकिस्तान के डॉक्टर्स अरब देशों में प्रैक्टिस करने जाते हैं और आगे की पढ़ाई के लिए भी वहाँ का रुख करते हैं। अब उन्हें सऊदी छोड़ने को कहा गया है।
"प्रदेश बोर्डों में अलग पाठ्यक्रम होने के कारण मेडिकल और इंजीनियरिंग के दाखिले की परीक्षाओं में ग्रामीण इलाकों के बच्चे स्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए पूरे देश में एक बोर्ड होना चाहिए ताकि सभी बच्चे एक तरह की पढ़ाई करें और सबको बराबर का मौका मिले।"
प्रशासनिक ब्लॉक में बुधवार शाम को हुए हंगामे का हवाला देते हुए रजिस्ट्रार ने कहा है कि छात्रों का इरादा वीसी पर हमला करना था। लेकिन, वे उस वक्त अपने दफ्तर में नहीं थे। अधिकारियों के मुताबिक बुधवार शाम को हंगामा करने वाले कुछ छात्र हथियारबंद भी थे।