ऐसा लगता है कि स्वरा भास्कर की पहचान न फेमिनिस्टों में रह गई हैं और न ही सेकुलरों में... उन्होंने शौहर को राजनीति में चमकाने के लिए इस्लामी ताकतों के आगे सरेंडर कर दिया है।
सैम पित्रौदा और स्वरा भास्कर के बयानों में इस्तेमाल किए गए 'पप्पू' शब्दों के कारण राहुल गाँधी की तारीफ की जगह उनका और भी मखौल उड़ता है। लोग कहते हैं कि कॉन्ग्रेसी भी यही मानते हैं इसलिए बचाव करते हैं।
स्वरा भास्कर इजरायल पर ओपिनियन दे सकती हैं, लेकिन वो कहती हैं कि भारत में लोगों को ओपिनियन देने की बीमारी है। ज़हीर-सोनाक्षी की शादी और शत्रुघ्न सिन्हा की नाराज़गी के बीच 'लव जिहाद' को फर्जी बताने का प्रयास।