"क्या ज़ायरा वसीम के लुन्गी पहनने से इस्लाम ख़तरे में नहीं आता?" - ट्विटर पर एक यूजर ने पूछा क्योंकि बॉलीवुड छोड़ने की घोषणा करते समय ज़ायरा ने कुरान को उद्धृत करते हुए बताया था कि कैसे बॉलीवुड उन्हें कुरान के इल्म और सच के मार्ग से भटका रहा था।
मौलवी आदिल का मानना है कि कश्मीर में कथित आज़ादी के लिए चल रहे 'अभियान' से भी ज्यादा ज़रूरी है ज़ायरा वसीम जैसी लड़कियों को बताना कि वे बॉलीवुड में काम करना छोड़ें। मौलवी ने कहा कि ज़ायरा वसीम जैसी लड़कियाँ इस्लाम के लिए शर्म हैं।
"अगर मैं उन्हें कभी मिलूँगा तो उन्हें ये बात ज़रूर बोलूँगा कि वह काफी अच्छा काम कर रही थीं। ये उनकी पर्सनल च्वाइस है। बॉलीवुड में काम करने से कोई गैरमुस्लिम नहीं बन जाता है।"