Saturday, April 20, 2024
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‘अपने बॉयफ्रेंड के कहने पर ज़ायरा वसीम ने लिया फ़िल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहने का निर्णय’

न्यूज़ एंकर आतिका फ़ारूक़ी ने कहा कि मज़हब संस्कृति, कला एवं मनोरंजन के विरुद्ध नहीं है बल्कि वह तो इन सबका समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि मज़हब ज़रूर ज़ायरा के इस निर्णय पर हँस रहा होगा। फ़ारूक़ी ने लिखा "मैं भी उनके इस निर्णय पर हँस रही हूँ। ज़ायरा ने अल्लाह के साथ मेरे संबंधों को नुक़सान पहुँचाया है।"

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने अभिनेत्री जायरा वसीम द्वारा इस्लाम के नाम पर बॉलीवुड से दूरी बनाने के पीछे अजीबोग़रीब कारण गिनाया है। जहाँ कई नेता, मुस्लिम धर्मगुरु और बॉलीवुड की हस्तियाँ जायरा के फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ने को लेकर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं, फ़ारूक़ ने कहा कि क्या पता कहीं उनके बॉयफ्रेंड ने उन्हें ऐसा करने को कहा हो। हालाँकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री फ़ारूक़ ने यह भी कहा कि इस्लाम किसी को कोई भी काम या जॉब करने से नहीं रोकता। उन्होंने इस्लाम को काफ़ी लिबरल मज़हब बताते हुए दावा किया कि जायरा के होने वाली पति या बॉयफ्रेंड ने उन्हें ऐसा करने को कहा होगा।

फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आगे कहा, “अगर मैं उन्हें कभी मिलूँगा तो उन्हें ये बात ज़रूर बोलूँगा कि वह काफी अच्छा काम कर रही थीं। ये उनकी पर्सनल च्वाइस है। बॉलीवुड में काम करने से कोई गैरमुस्लिम नहीं बन जाता है।” फ़ारूक़ की राय इस मामले में उनके बेटे उमर अब्दुल्ला से अलग दिखी। उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि यह जायरा का निजी निर्णय है और हम इस पर टिप्पणी करने वाले कौन होते हैं? उन्होंने कहा था कि जायरा अपनी करना चाहती हैं, यह उनका निजी मामला है। उमर अब्दुल्ला ने जायरा को शुभकामनाएँ देते हुए उनके ख़ुश रहने की कामना की थी।

वहीं, दूसरी तरफ़ वरिष्ठ बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने भी अंदेशा जताया है कि जायरा को बॉलीवुड छोड़ने के लिए किसी ने दबाव डाला है। खेर ने कहा कि उन्हें जायरा के निर्णय से दुःख हुआ है। उन्होंने जायरा को अकेले छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि अगर उन्होंने मज़हब के आधार पर ऐसा निर्णय लिया है तो हो सकता है कि किसी ने उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य किया हो। जम्मू कश्मीर पुलिस अधिकारी इम्तियाज़ हुसैन ने कहा कि वो जायरा के इस निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन इसमें मज़हब और आस्था को बीच में लाना ग़लत है।

न्यूज़ एंकर आतिका फ़ारूक़ी ने कहा कि मज़हब संस्कृति, कला एवं मनोरंजन के विरुद्ध नहीं है बल्कि वह तो इन सबका समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि मज़हब ज़रूर ज़ायरा के इस निर्णय पर हँस रहा होगा। फ़ारूक़ी ने लिखा “मैं भी उनके इस निर्णय पर हँस रही हूँ। ज़ायरा ने अल्लाह के साथ मेरे संबंधों को नुक़सान पहुँचाया है।

सोनम महाजन ने ट्विटर पर पूछा कि अगर किसी हिन्दू अभिनेत्री ने धर्म को कारण बता कर इंडस्ट्री छोड़ी होती तो क्या होता? सोनम ने कहा कि तब लेफ्ट लिबरल गिरोह के लोग हिन्दू धर्म को एक आदिम व्यवस्था बताते और उस अभिनेत्री के निर्णय के लिए उसकी आलोचना कर रहे होते।

बता दें कि इंस्टाग्राम व फेसबुक पर किए पोस्ट में ज़ायरा वसीम ने फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ने की घोषणा करते हुए लिखा कि फ़िल्मों में काम करना उनके अल्लाह के साथ संबंधों के बीच में आ रहा है। उन्होंने इस्लाम का हवाला देते हुए क़ुरान की आयतें लिखीं और अपने इस निर्णय के बचाव की कोशिश की। उनकी फ़िल्म ‘स्काई इज ब्लू’ कुछ दिनों बाद रिलीज होने वाली है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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