Wednesday, April 24, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजनज़ायरा वसीम पर सेलेब्रिटी दो-फाड़, कोई बोले- 'ड्रामेबाज़', तो कोई 'साहसी'

ज़ायरा वसीम पर सेलेब्रिटी दो-फाड़, कोई बोले- ‘ड्रामेबाज़’, तो कोई ‘साहसी’

कनाडाई-पाकिस्तानी लेखक तारिक फतह ने पूछा कि 'इस्लाम की राह' पर ज़ायरा वसीम कितना आगे जाने वालीं हैं? बुरका और नकाब भी पहनना शुरू कर देंगी?

ज़ायरा वसीम के ‘सन्यास’ पर बॉलीवुड समेत सेलिब्रेटी, साहित्यकारों, नेताओं आदि का वर्ग पूरी तरह दो-फाड़ हो गया है। जहाँ अभिनेत्री रवीना समेत कुछ लोगों ने उनके बॉलीवुड के कथित नकारात्मक चित्रण की आलोचना की है, वहीं कुछ लोगों ने उनकी निजी ‘चॉइस’ बताते हुए उनका बचाव किया है।

‘दो फिल्म पुरानी लड़की के पुरातनपंथी विचार’

रवीना टंडन ने अप्रत्यक्ष रूप से ज़ायरा वसीम पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘कृतघ्न’ कहा है। उनके अनुसार महज़ दो फिल्म पुरानी लड़की के कृतघ्न हो जाने से बॉलीवुड को कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे लोगों को केवल शिष्टाचारपूर्वक निकल जाना चाहिए, और अपने पुरातनपंथी विचार खुद तक ही सीमित रखने चाहिए।

‘इसके बाद क्या? बुरका या नकाब?’

कनाडाई-पाकिस्तानी लेखक तारिक फतह ने पूछा कि ‘इस्लाम की राह’ पर ज़ायरा वसीम कितना आगे जाने वालीं हैं? बुरका और नकाब भी पहनना शुरू कर देंगी?

‘मूर्खतापूर्ण निर्णय… औरतों की ब्रेनवॉशिंग’

बांग्लादेशी मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन, जो इस्लाम के खिलाफ ‘लज्जा’ नामक किताब लिखने के बाद से फ़तवेबाजों के निशाने पर रहीं हैं, ने इसे ‘मूर्खतापूर्ण निर्णय’ करार दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मज़हब के नाम पर औरतों की ब्रेनवॉशिंग कर उन्हें अनपढ़ से लेकर सेक्स गुलाम तक रखा जाता है।

‘टैलेंट न हो तो आमिर खान भी स्टार नहीं बना सकता’

ज़ायरा के खिलाफ बयान देने तो केआरके भी उतर आए। ज़ायरा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ज़ायरा के पास प्रतिभा नहीं है, और वह ड्रामेबाज़ हैं।

‘लिबरल’ वर्ग की हैरतअंगेज़ प्रतिक्रिया

खुद को ‘प्रगतिशील’ और अपने से भिन्न राय रखने वालों को एक लाइन से दकियानूसी संघी करार देने वाले लिबरल वर्ग की प्रतिक्रिया इस मामले में हैरतअंगेज़ है। जहाँ बहुत सी शख्सियतों ने मुँह बंद रखना ही सही प्रतिक्रिया समझी, वहीं कुछ अन्य तो उनके बॉलीवुड को इस्लाम से असंगत बताने के समर्थन में ही उतर आईं।

कॉन्ग्रेस की फ़िलहाल स्टार कैम्पेनर और 2014 में लोकसभा प्रत्याशी (और मुस्लिम) नगमा ने लिखा कि ज़ायरा वसीम ‘साहसी लड़की’ हैं, जिन्होंने (ऐसा कर) ‘रूढ़िवादी छवि को तोड़ कर दिखाया है’।

मिंट की स्तम्भकार और हारवर्ड की प्रतिष्ठित 2020 नीमैन फेलोशिप जीतने वाली अशवाक मसूदी ने तो मामले को मज़हब से उठाकर लैंगिक भेदभाव का मुद्दा बनाने की कोशिश कर डाली।

कॉन्ग्रेस ‘फैन’ ज़ैनाब सिकंदर ने इसे नुसरत जहां के सिन्दूर से जोड़ कर प्रतिक्रिया को इस्लाम के खिलाफ किसी साजिश के तौर पर पेश करने की कोशिश की।

मामले में समाजवादी पार्टी के लोक सभा सदस्य एसटी हसन भी कूद पड़े। उन्हें ‘अंग-प्रदर्शन’ और ‘सेक्स-अपील वाला’ कुछ भी दिखाए जाने को गैर-इस्लामिक करार दिया।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कर्नाटक में OBC के भीतर नौकरी-एडमिशन-चुनाव में सभी मुस्लिमों को आरक्षण, कॉन्ग्रेस सरकार ने दी थी सुविधा: बोला पिछड़ा आयोग – ये सामाजिक न्याय...

स्थानीय निकाय के चुनावों में भी जो सीटें OBC समाज के लिए आरक्षित हैं वहाँ मुस्लिमों को चुनाव लड़ने की इजाजत है। पिछड़ा आयोग ने फिल्ड विजिट से की पुष्टि।

सिर्फ हिंदुओं (गैर-मुस्लिमों) की 55% संपत्ति पर कब्जा करेगी कॉन्ग्रेसी सरकार, इस्लाम मानने वालों के पास रहेगी 100% दौलत: मुस्लिम पर्सनल लॉ से समझिए...

कॉन्ग्रेस हिंदुओं से जीते-जी उनकी दौलत छीन कर बाँट देगी, तो मरने के बाद उनकी संपत्ति का 55 प्रतिशत हिस्सा भी ले लेगी। वारिसों को सिर्फ 45% हिस्सा ही मिलेगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe