हाथरस से बहुत दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि लड़की के साथ गैंगरेप हुआ, जीभ काट दी गई, आँखें निकाल दी गई, रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई। हालाँकि, पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया। इस बीच मौकापरस्त पत्रकार और नेता मामले को स्पिन देते हुए आरोपित की ‘जाति’ निकाल कर सामने ला रहे हैं कि वो उच्च जाति का होने की वजह से पुलिस ने रेप से इनकार किया।
लड़की को छेड़ना भी जघन्य अपराध की श्रेणी में आना चाहिए। दुर्भाग्य से हम ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहाँ ये घटनाएँ काफी आम हो चुकी है और कई बार फैसला आरोपितों के पक्ष में जाता है या फिर उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं होते हैं। सजा बहुत कम केस में मिलती है। इन सबके कारण ऐसा होने लगा है कि जब तक पीड़िता के साथ भयावह क्रूरता न हो, हमारी संवेदना नहीं जगती।
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