साल 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से फासीवाद के आगमन की उलाहनाएँ दी जाती रहीं। कभी देश के लोकतंत्र को खतरे में बताया गया, तो कभी आपातकाल की स्थिति का ऐलान कर दिया गया। आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने पर भी सरकार को फासिस्ट करार दिया गया।
हालाँकि, फासीवाद का असली मतलब क्या होता है? इसके वास्तविक मायने पूरे देश को तब पता चला, जब बीएमसी ने कंगना के कार्यालय पर कार्रवाई करके उसे ध्वस्त कर दिया और राज्य सरकार की संलिप्ता इसमें साफ नजर आई।
इस बीच जहाँ पूरा देश कंगना के साथ खड़ा था। वहीं, बॉलीवुड के स्टार कलाकार न केवल इस घटना पर मौन रहे बल्कि ये जानने के बावजूद कि रिया चक्रवर्ती ने स्वीकार कर लिया है कि वह ड्रग्स का लेन-देन करती थीं, उन्हें पितृसत्ता से पीड़ित महिला बताया और उनके लिए इंसाफ की माँग भी की।
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