पाताल लोक वेबसीरीज की पटकथा लिखने वाले ने पहले ही सोच लिया था कि किस तरह का प्रोपेगेंडा फैलाना है और फिर इसी के इर्द-गिर्द कहानी रच दी गई। इसमें कुतिया का नाम सती सावित्री होता है। ब्राह्मण कान पर जनेऊ रखकर पराई स्त्री के साथ सेक्स करता है। सभी सवर्णों को नकारात्मक दिखाया गया है। साधु को मंदिर में माँस खाते हुए दिखाया गया। एक स्त्री इसलिए पानी लेने से मना कर देती है, क्योंकि उसे समुदाय विशेष के व्यक्ति ने छुआ होता है।
एक दृश्य में भगवान नरसिंह को गिरते हुए दिखाया जाता है। इससे पहले भी कई फिल्मों में भगवान का अपमान किया गया। आखिर हिन्दू के भगवानों के साथ ही ऐसा क्यों होता है? वो इसलिए होता है क्योंकि हिन्दू बहुत ज्यादा सहिष्णु है। उसे इन सब चीजों से फर्क नहीं पड़ता है कि उनके भगवान को गिरा दिया गया है। वहीं किसी भी वेबसीरीज में मजहब विशेष या ईसाई के प्रतीक को गिरते हुए नहीं दिखाया जा सकता। आखिर क्यों?
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