अमेरिका में कैलिफोर्निया के इरविने में फोनी बिजनेस के लिए कोरोना रिलीफ लोन लिया गया। 5 मिलियन डॉलर (लगभग 37 करोड़ रुपए) का लोन लेने वाले मुस्तफा कादिरी (38 वर्ष) ने हालाँकि लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया। अब उसे गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने सोमवार (10 मई 2010) को कहा कि आरोपित ने कोरोना रिलीफ लोन को बेफिजूल की छुट्टियों और फेरारी, बेंटले और लैम्बोर्गिनी कार खरीदने में खर्च कर दिया। उसे पिछले हफ्ते ही पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि कोरोना रिलीफ योजना को पिछले कोरोना वायरस के कारण तबाह हो चुके छोटे व्यापारियों की मदद करने के लिए शुरू किया गया था।
अमेरिका के अटॉर्नी ऑफिस की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है कि बैंक फ्रॉड, वायर फ्रॉड, पहचान छुपाने और मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई मामलों में गिरफ्तार कादरी को फिलहाल दोषी नहीं पाया गया है। इस केस में कादरी का पक्ष रखने वाले अटॉर्नी बिलाल ए एस्साइली ने फिलहाल कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
अभियोजन पक्ष ने दावा किया है कि क्वादरी ने तीन बैंकों में चार कंपनियों के नाम पर गलत तरीके से पीपीपी लोन के लिए अप्लाई किया था। जबकि, वास्तव में वो कंपनियाँ हैं ही नहीं। अभियोग के अनुसार आवेदन में परिवर्तित बैंक रिकॉर्ड, फर्जी टैक्स रिटर्न और कर्मचारियों के बारे में जानकारी शामिल है।
इतना ही नहीं अभियोजन अधिकारी ने दावा किया है कि आरोपित मुस्तफा कादरी ने फ्रॉड के लिए किसी दूसरे के नाम, सोशल सिक्योरिटी नंबर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया था।
जाँच अधिकारियों का कहना है कि मुस्तफा ने 5 मिलियन का लोन हासिल किया था, जिसे उसने घूमने, स्पोर्ट्स कार खरीदने पर खर्च कर दिया। फेडरल एजेंट ने कादरी द्वारा खरीदी गई फेरारी, बेंटले और लैम्बोर्गिनी कार के साथ उसके बैंक खाते से 2 मिलियन (करीब 15 करोड़ रुपए) जब्त कर लिया है।
अमेरिका की जिला जज जोसफिन एल स्टेटन ने मामले की अगली सुनवाई को 29 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। वहीं कादरी को 100,000 डॉलर (करीब 73 लाख रुपए) के बॉन्ड पर जमानत दे दी है।