दिल्ली में प्रदूषण का स्तर तो खतरनाक रूप से बढ़ा हुआ है ही, साथ ही इस पर भरपूर राजनीति भी हो रही है। शनिवार (4 नवंबर, 2023) को पंजाब में पराली जलाने की 1360 घटनाएँ सामने आई हैं। सैटेलाइट की तस्वीरों में दिखा है कि पंजाब में किस तरह लगातार पराली जलाई जा रही है। केवल पिछले 4 दिनों की ही बात करें तो 6500 मामले अकेले पंजाब से सामने आ चुके हैं पराली जलाने के। इस साल पंजाब में अब तक पराली जलाने के 14,173 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
लेकिन, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय कह रहे हैं कि पंजाब में पराली जलाए जाने का दिल्ली के वातावरण पर ज़्यादा सर नहीं हो रहा है। उन्होंने सारा दोष हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर मढ़ दिया। हालाँकि, आँकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि सबसे ज़्यादा पराली कहाँ जलाई जा रही है। पंजाब में भी दिल्ली की तरह AAP (आम आदमी पार्टी) की ही सरकार है, ऐसे में राजनीति के लिए दिल्ली के मंत्री अपनी पार्टी का बचाव करने में जुटे हुए हैं।
पिछले कुछ दिनों में आँकड़े किस तरह तेज़ी से बढ़े हैं, वो देखिए। 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक डेढ़ महीनों में पंजाब में पराली जलाने के 7673 मामले सामने आए थे। लेकिन, पिछले 4 दिनों में ही ये आँकड़ा दोगुना होने के करीब है। कई मामले तो सैटेलाइट की पकड़ में भी नहीं आते, क्योंकि पराली जला कर धुआँ रोकने के लिए ऊपर से ट्रैक्टर चला दिया जाता है। 3 नवंबर को पराली जलाने के 1551 और और 4 नवंबर को 1360 मामले सामने आए हैं।
इसका असर न सिर्फ दिल्ली, बल्कि पंजाब पर भी पड़ रहा है। बठिंडा वहाँ का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। वहाँ का AQI एक दिन में ही 338 से 385 पर पहुँच गया। पंजाब में अगले कुछ हफ़्तों में 40% किसान अपने खेत से धान की कटाई कर के गेहूँ बोने वाले हैं, ऐसे में पराली जलाने की घटनाओं में अभी और बढ़ोतरी आ सकती है। पराली जलाने की सबसे ज़्यादा घटनाएँ शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में सामने आई।
यहाँ ऐसी घटनाएँ दर्ज की गईं। पिछले एक सप्ताह की बात करें तो पंजाब में पराली जलाने की 9987 मामले सामने आ चुके हैं। पंजाब के कृषि विश्वविद्यालय (PAU) ने बेहतर पैदावार के लिए 15 नवंबर तक किसानों को गेहूँ की बुआई कर लेने की सलाह दी है। यानी, तब तक पराली जलाने की घटनाएँ ऐसे ही बदस्तूर जारी रहेंगी। इस पूरे साल की भी बात करें तो सबसे ज़्यादा 2147 मामले संगरूर से ही सामने आए हैं। इसके बाद तरनतारन (1585), फिरोजपुर (1531), अमृतसर (1376) और पटियाला (1092) का नंबर आता है।
#WATCH | On Delhi Pollution, Delhi Environment Minister Gopal Rai says, "…Central government figures show that less stubble has been burnt in Punjab this year in comparison to last year. Punjab's stubble smoke does not have as much impact on Delhi as that of Haryana and Uttar… pic.twitter.com/NLEZk0YIhb
— ANI (@ANI) November 5, 2023
इसी बीच बीच सोशल मीडिया पर पंजाब के बठिंडा से एक वीडियो सामने आई है। इस वीडियो में देखने को मिल रहा है कि कई किसान शर्ट-पैंट में खड़े दो व्यक्तिों को घेरकर उनसे तेज-तेज बात कर रहे हैं और उसके बाद उनमें से एक को देकर पराली में आग लगवा रहे हैं। वीडियो बनाने वाले को कहते सुना जा सकता है- ये देखो भाई ये आग बुझाने आए थे और अब खुद आग लगा रहे हैं। ये शर्ट पैंट में नजर आ रहे व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि सरकारी अधिकारी हैं। जो किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए गाँव गए थे।