पिछले कुछ महीनों में अचानक से हार्ट अटैक से मौत की कई खबरें सामने आई हैं। कई ऐसे वीडियो आए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि युवाओं को अचानक से हार्ट अटैक आ गए और उनकी मौत हो गई। इससे एक प्रकार के भय का माहौल बना। अब संसद में भी ये मामला उठा है। सोशल मीडिया का एक धड़ा इसके लिए कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार ठहरा रहा था। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद के शीतकालीन सत्र के दर्जन खुद ही इसका जवाब दिया है।
बता दें कि ‘भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)’ ने एक अध्ययन किया है और पाया है कि हार्ट अटैक के कारण हो रही रहस्यमयी मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन नहीं है। भारत सरकार ने शुक्रवार (8 दिसंबर, 2023) को इसे साफ़ कर दिया है। पिछले दिनों सामने आए वीडियो में कहीं शादी में दुल्हन की मृत्यु हो गई, कहीं नाचते-नाचते युवक की, कहीं छींक आते गिर कर मौत हो गई तो कहीं कोई व्यक्ति खेलते-खेलते ही चल बसा। इन सभी वीडियो के बाद तरह-तरह की चर्चाएँ जोर पकड़ने लगीं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया है कि कोविड-19 महामारी के बाद अचानक से अस्पताल में भर्ती होने के पीछे परिवार का मेडिकल इतिहास और एक खास प्रकार की जीवनशैली है। उनसे सवाल किया गया था कि क्या अचानक हो रही मौतों और कोरोना वैक्सीन के बीच कोई तार है? जिन लोगों को कोरोना हुआ था, उनमें से कुछ की अचानक मौतें हुई हैं। ICMR ने 18-45 वर्ष आयु समूह में अध्ययन कर के निष्कर्ष निकाला है कि इसमें वैक्सीन का कोई रोल नहीं है।
#Covidvaccination didn’t increase risk of unexplained sudden death among young #adults: Govthttps://t.co/FTX8FWgU0D
— The Tribune (@thetribunechd) December 8, 2023
मंत्री द्वारा दी गई जानकारी की मानें तो ये पाया गया कि कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक प्राप्त करने से रहस्यमयी अचानक मृत्यु की संभावना कम हो गई, जबकि पिछली कोरोना महामारी में अस्पताल में भर्ती, अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास, मृत्यु से 48 घंटे पहले अत्यधिक शराब पीना, का उपयोग मनोरंजक दवा/पदार्थ और मृत्यु/हार्ट अटैक से 48 घंटे पहले तीव्र तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करना इन सबका कारण पाया गया।