पीलीभीत ज़िले की बेसिक शिक्षा अभियान (BSA) द्वारा ‘मानवीय आधार’ पर बीसलपुर के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक फ़ुरक़ान अली के निलंबन को अस्थायी रूप से रद्द करने के कुछ दिनों बाद, ज़िला प्रशासन द्वारा की गई जाँच में पाया गया कि स्कूल में छात्रों से कभी राष्ट्रगान नहीं गवाया गया।
इस मामले की जाँच ज़िला मजिस्ट्रेट वैभव श्रीवास्तव के निर्देश पर, 21 अक्टूबर को सिटी मजिस्ट्रेट रितु पुनिया, अतिरिक्त ज़िला मजिस्ट्रेट (नगर) वंदना त्रिवेदी और बीएसए देवेंद्र स्वरूप सहित तीन सदस्यीय टीम ने की थी।
14 अक्टूबर को प्रशासन ने विश्व हिन्दू परिषद् (वीएचपी) के सदस्य की शिक़ायत के आधार पर स्कूल के प्रधानाचार्य फ़ुरकान अली को सस्पेंड कर दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने छात्रों से प्रार्थना सभा में धार्मिक प्रार्थना कराई थी। वीएचपी सदस्य ने आरोप लगाया था कि यह प्रार्थना मदरसे में कराई जाने वाली प्रार्थना है।
वहीं, बीसलपुर के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) उपेंद्र कुमार की एक जाँच में पाया गया कि अली ने छात्रों को 1902 में कवि मुहम्मद इक़बाल द्वारा लिखी गई कविता ‘लब पे आती है दुआ’ को गवाया था। बता दें कि इक़बाल ने ‘सारे जहाँ से अच्छा’ गीत भी लिखा था।
ज़िला प्रशासन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों के साथ बातचीत के दौरान, यह पाया गया कि स्कूल में बच्चों ने न तो कभी ‘राष्ट्रगान’ गाया और न ही आधिकारिक रूप से स्वीकृत प्रार्थना ‘वह शक्ति हमें दो दयानिधे’ गाई। बच्चों ने बताया कि उन्होंने हमेशा ‘लब पे आती है दुआ’ का ही पाठ किया है। नए शिक्षक पिछले दो या तीन दिनों से बच्चों को राष्ट्रगान और दूसरी प्रार्थना करवा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस दिन जाँच हुई, उस दिन कुल 267 में से 53 छात्र उपस्थित थे।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता ‘असंतोषजनक’ पाई गई है। जब पाँचवी कक्षा के छात्रों को कुछ सरल इंग्लिश और हिन्दी शब्द लिखने के लिए कहा गया, तो वे नहीं लिख सके। छात्रों ने बताया कि उन्हें केवल मौखिक रूप से शिक्षा दी जाती है। कोई भी छात्र राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता सका। पाँचवी कक्षा के छात्र ‘ज्ञान प्रकाश’ और ‘हिन्दुस्तान’ जैसे शब्द नहीं लिख सके। छात्रों में अनुशासन की भी कमी देखी गई।