Friday, November 15, 2024
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4 बार के MLA, अब राजस्थान के मंत्री… लेकिन घर आज भी कच्चा: पुनिया ने दिखाई बाबूलाल खराड़ी की सादगी, कहा – ये RSS से मिले संस्कार

उन्होंने कहा, "लोगों की सेवा, जनता की सेवा है, इससे में संतुष्ट हूँ, जनता का भी मुझे आशीर्वाद मिलता है, मान-सम्मान मिलता है और उससे मैं खुश हूँ।"

राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल का विस्तार शनिवार (30 दिसंबर, 2023) को हुआ। इसमें 22 नए मंत्री मनाए गए। इनमें से 12 कैबिनेट मंत्री बने। इन कैबिनेट मंत्रियों में से झाड़ोल से जनजातीय समुदाय से आने वाले बीजेपी विधायक बाबूलाल खराड़ी भी एक रहे। अब उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो एक साल पहले राजस्थान में भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शेयर किया था। बाबूलाल खराड़ी को मंत्री बनाए जाने के बाद ये वीडियो फिर से चर्चा में है।

उनके नाम का ऐलान कैबिनेट के मंत्री के तौर पर होते ही वो सुर्खियों में आ गए। आपको जानकर हैरानी होगी इसके पीछे उनका पद नहीं बल्कि उनका व्यक्तित्व है। खराड़ी के कैबिनेट मंत्री बनने के पहले साल 2022 में खुद राजस्थान बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रहे सतीश पूनिया उनके घर गए थे।

इसे लेकर उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर 23 दिसंबर, 2022 को एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें पूनिया कहते नजर आ रहे हैं, “इस समय उपलाथला जो कोटड़ा तहसील के उदयपुर जिले के गाँव में हूँ। मेरे साथ में बाबूलाल खराड़ी हैं। कद में छोटे लग रहे होंगे, लेकिन इनका काम बड़ा है।”

बीजेपी नेता पूनिया आगे कहते हैं, “मुझे बड़ी उत्सुकता थी बहुत बरसों से कि मैं बाबूलाल जी के गाँव आऊँ आज मुझे सौभाग्य मिला और परिवार का भी मैं ऋृणी हूँ कि उन्होंने मुझे मक्के की रोटी और उड़द की दाल खिलाई।”

वो आगे कहते हैं, “इस दौरान मुझे उत्सुकता हुई की बाबू लाल जी का मकान तीन बार विधायक बनने के बाद भी ऐसा क्यों है? तो मैं बाबू लाल जी से सवाल पूछ रहा था कि लोग राजनीति में ईमानदारी शुचिता की बात करते हैं तो आप इतने ईमानदार क्यों है?”

उनके इस सवाल का जवाब बाबूलाल खराड़ी कुछ ऐसे देते हैं, “मुझे संघ की शाखा से जो संस्कार मिला है जिसके कारण से ये सारी चीजें मेरे खून में हैं।” इस पर पूनिया फिर उनसे सवाल करते हैं कि राजनीति में ईमानदार रह कर काम चल सकता है? तो खराड़ी उन्हें जवाब देते हैं, “चल सकता है। काफी लोग हैं जो आज भी देश में ईमानदारी से काम कर रहे हैं जैसे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, अडवाणी जी हमारा केंद्रीय नेतृत्व जो भी है।”

पूनिया फिर सवाल करते हैं कि ये सब आपकी प्रेरणा हैं जिनको आपने देखा होगा बचपन से तो बाबूलाल खराड़ी कहते हैं, “हाँ वो ही प्रेरणा है।” राजनीति में कब से हैं और क्यों है के सवाल पर कैबिनेट मंत्री खराड़ी का जवाब होता है, “संघ ने 1987 में मुझे कार्य से मुक्त करके मुझे राजनीति का दायित्व दिया था युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष बना कर, तब से अब तक राजनीति में पार्टी के कहते हुए विभिन्न काम करते चल रहे हैं।”

बाबूलाल खराड़ी आगे कहते हैं, “पार्टी ने पाँचवी बार मुझे MLA का टिकट दिया, दो बार में हारा और तीन बार जीता हूँ। प्रधान भी रहा हूँ कोटड़ा का।” जब उनसे पूछा गया कि क्या वो राजनीति में सक्रिय रह कर और जनजातीय समाज व जनता के लिए काम कर के संतुष्ट हैं – तो उन्होंने कहा, “लोगों की सेवा, जनता की सेवा है, इससे में संतुष्ट हूँ, जनता का भी मुझे आशीर्वाद मिलता है, मान-सम्मान मिलता है और उससे मैं खुश हूँ।”

बाबूलाल खराड़ी चौथी बार MLA

ठेठ आदिवासी क्षेत्र से आने वाले खराड़ी झाड़ोल सीट से पहली बार कैबिनेट मंत्री बने, लेकिन इससे पहले उनका राजनीतिक सफर कम शानदार नहीं रहा है। उनकी सादगी को देखते हुए उन्हें आरएसएस के वनवासी कल्याण परिषद में सुपरवाइजर बनाया गया था। इसके बाद उन्हें आरएसएस के तहसील अध्यक्ष बनाया गया।

बीजेपी ने साल 1987 में उन्हें कोटड़ा मंडल युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया। इसके बाद 1995 में जिला परिषद सदस्य के तौर पर चुनाव लड़े और साल 2000 में कोटड़ा के प्रधान बने। साल 1998 के विधानसभा चुनावों से उन्होंने राज्य स्तरीय राजनीति में कदम रखा, हालाँकि, इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन बीजेपी नेतृत्व का विश्वास उन पर बना रहा।

दूसरी बार 2003 बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया गया और उन्होंने उसका मान भी रहा और खराड़ी पहली बार विधायक बन राजस्थान विधानसभा में पहुँचे। दूसरी बार उन्होंने 2008 में भी विधानसभा चुनाव जीता। हालाँकि तीसरी बार 2013 में खराड़ी चुनाव हारे, लेकिन 2018 में फिर से बीजेपी ने पाँचवी बार उन पर दाँव लगाया और उन्होंने जीत हासिल की।

उनके जनता के लिए काम से उन्हें साल 2021 में राजस्थान विधानसभा का सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया। साल 2023 में चौथी बार झाड़ोल से खराड़ी ने जीत हासिल की। इस विधानसभा चुनाव में खराड़ी ने 6488 वोट के अंतर से जीत हासिल की थी। उन्हें 76,537 वोट मिले थे। वहीं उनके मुकाबले कॉन्ग्रेस प्रत्याशी हीरालाल डरांगी को 70,049 वोट मिले थे।

अभी भी जीते हैं साधारण जीवन

बेहद साधारण जीवन जीने वाले बाबूलाल खराड़ी भी केलूपोश (झोपड़ी) में रहते हैं। उनका परिवार खेती करता है और वो खुद की खेती करते हैं। उनकी दो पत्नियाँ मणिदेवी और तेजूबाई हैं। संतानों में दो बेटे और दो बेटियाँ हैं।

उनके सभी बच्चों का विवाह हो चुका है। संतानों में सबसे बड़ा बेटा देवेन्द्र खराड़ी और प्रदु्मन खराड़ी दोनों खेती करते हैं। उनके पास एक ट्रैक्टर और एक गाड़ी है। अपनी सादगी की वजह से वो बीजेपी में खासे पसंद किए जाते हैं। सतीश पूनिया ही नहीं पार्टी की वरिष्ठ नेता विजया राहटकर भी उनकी तारीफ के पुल बाँध चुकी हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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