कमलेश तिवारी हत्याकांड में खुलासा हुआ है कि आरोपित मोइनुद्दीन ने सोशल मीडिया पर संजय नाम से फर्जी अकाउंट बनाया हुआ था। इससे पहले अशफाक द्वारा रोहित सोलंकी नाम पर चलाई जा रही फर्जी आईडी का भी पता चल चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अशफाक की फर्जी आईडी के बारे में पता लगने के बाद जब जाँच एजेंसियों ने उसके फेसबुक अकॉउंट की पड़ताल की, तो उन्हें संजय नाम की आईडी पर शक हुआ। पूछताछ हुई तो पता चला कि मई में जिस समय अशफाक ने रोहित सोलंकी के नाम पर अपनी आईडी बनाई थी, उसी समय मोइनुद्दीन के लिए भी संजय नाम की फर्जी आईडी बनी थी।
यहाँ बता दें कि कमलेश तिवारी हत्याकांड की जाँच में जुटी टीम ने कुछ दिन पहले ही खुलासा किया था कि अशफाक ने कमलेश तिवारी से परिचय बनाने के लिए उनसे दोस्ती की थी। इसके लिए उसने रोहित सोलंकी नाम से फर्जी अकॉउंट बनाया था। जिसकी प्रोफाइल पिक्चर पर उसने हिन्दू राज और भगवा ध्वज की तस्वीर लगाई हुई थी।
इसी फेक फेसबुक आईडी के जरिए उसने कमलेश तिवारी से बातचीत की, दोस्ती की और फिर मिलने का समय माँगा। फेसबुक पर बातचीत करते हुए अशफ़ाक़ ने रोहित सोलंकी के छद्म नाम का प्रयोग करते हुए कमलेश तिवारी से बातचीत में कहा कि वो हिन्दू समाज पार्टी का सदस्य बनना चाहता है और इसके लिए उनसे मिलना चाहता है। कमलेश तिवारी के नौकर ने भी अपने बयान में बताया था कि आने से पहले हत्यारोपितों ने क़रीब 10 मिनट तक कमलेश तिवारी से बातचीत की थी और घर पहुँचने के बाद भी दोनों की कमलेश तिवारी से क़रीब आधे घंटे तक बातचीत चली।
लेकिन, कुछ देर बाद दोनों ने मौक़ा देखकर कमलेश तिवारी पर धारधार हथियार से 15 वार कर दिए। हाल ही में आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ कि हत्यारों ने पहले उन्हें गोली मारी और फिर धारदार चाकू से सीने पर ही 7 बार वार किए गए। चाकू के वार से गर्दन पर 12 सेंटीमीटर लंबा और 3 सेंटीमीटर गहरा घाव हुआ। गला रेतने के कारण ही कमलेश की मौत हो गई।