Sunday, November 24, 2024
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की जाएगी कुर्सी? अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू: एक्शन में डेमोक्रेट नेता, टूरिस्ट यूनियन ने भी घेरा

“डेमोक्रेट पार्टी से जुड़े हम लोग देश की विदेश नीति की स्थिरता को बनाए रखने और किसी भी पड़ोसी देश को अलग-थलग होने से रोकने के लिए समर्पित हैं। क्या आप राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से हटाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार हैं? क्या MDP अविश्वास प्रस्ताव लाने की शुरुआत करेगी?”

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Maldives President Mohamed Muizzu) की कुर्सी जा सकती है, उनकी सरकार गिर सकती है। मालदीव में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मालदीव की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अली अजीम ने राष्ट्रपति मुइज्जू को पद से हटाने और उनकी सरकार को गिराने के लिए अन्य नेताओं से अपील की है।

मालदीव में संसदीय अल्पसंख्यक नेता अली अजीम ने सोमवार (8 जनवरी 2024) को राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का आह्वान किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी बात रखते हुए राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से बेदखल करने में मदद करने की अपील की। अली अजीम ने लिखा:

“डेमोक्रेट पार्टी से जुड़े हम लोग देश की विदेश नीति की स्थिरता को बनाए रखने और किसी भी पड़ोसी देश को अलग-थलग होने से रोकने के लिए समर्पित हैं। क्या आप राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से हटाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार हैं? क्या मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की शुरुआत करेगी?”

सांसदों, कई बड़े नेताओं, पूर्व राष्ट्रपतियों के अपने ही सरकार के खिलाफ बयान के बाद मालदीव की टूरिस्ट यूनियन (MATI: Maldives Association of Tourism Industry) ने मुइज़्ज़ू सरकार के भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दिए गए बयानों की आलोचना की है। उधर मालदीव को जाने वाली उड़ानों की बुकिंग में भी कमी आ गई है। भारत की सबसे बड़ी व्यापार संस्था CAIT ने भी भारतीय व्यापारियों से मालदीव से व्यापार ना करने की अपील की है। यह भी सामने आया है कि वर्तमान में चीन की यात्रा पर गए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत यात्रा को लेकर भी मालदीव ने प्रस्ताव रखा है।

मालदीव की टूरिस्ट यूनियन ने की आलोचना

मालदीव एसोसिएशन ऑफ़ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने मालदीव के मंत्रियों के भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दिए गए बयानों की आलोचना की है। इसने एक बयान इस सम्बन्ध में जारी किया है। MATI ने कहा है, “MATI मालदीव के कुछ उपमंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत के लोगों के खिलाफ की गई अपमानजनक बातों की आलोचना करती है। भारत मुश्किलों में सबसे पहले हमारी सहायता करने वाला देश रहा है और हम भारत के लोगों और साथ ही इसके सरकार के प्रति आभार जताते हैं।”

MATI ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के समय भारत ने उनकी काफी सहायता की थी। उसके कारण भारत और मालदीव के रिश्ते बढ़ते रहे। MATI ने लोगों को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी, जिनका रिश्तों पर बुरा असर हो।

सबसे बड़ी व्यापारिक संस्था ने किया मालदीव का बहिष्कार

भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक संस्था कन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने देश के सभी कारोबारियों से अपील की है कि वह मालदीव के साथ कोई भी व्यापार ना करें। खंडेलवाल ने कहा है कि मालदीव के साथ व्यापार ना करके भारत के व्यापारी उसे एक कड़ा सन्देश भेजें कि दोनों देशों के रिश्ते एक दूसरे के प्रति सम्मान दिखाने से ही चल सकते हैं।

मालदीव जाने वाली उड़ानों की बुकिंग में भी आई कमी

मालदीव के बहिष्कार की माँग के चलते अब भारतीय यहाँ जाने की अपेक्षा देश में ही घूमने को तरजीह दे रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव को भारत से जोड़ने वाली उड़ानों को ऑपरेट करने वाली एयरलाइन्स ने कहा है कि बीते कुछ दिन में यहाँ की उड़ान की बुकिंग में कमी आई है। वहीं भारत में टूर ऑपरेटर की संस्था इंडियन एसोशिएसन ऑफ़ टूर ऑपरेटर्स ने कहा है कि बीते दो दिनों से उनके पास मालदीव जाने के लिए कोई नई पूछताछ नहीं आ रही है।

भारत आना चाहते हैं मालदीव के मुखिया मुइज़्ज़ू

मालदीव के मंत्रियों के भारत और पीएम मोदी को लेकर दिए गए बयान के बाद उपजे विवाद के बीच मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू भारत आना चाहते हैं। मालदीव की सरकार ने यह प्रस्ताव भारत के सामने रखा है। वह अभी चीन की यात्रा पर हैं। इससे पहले वह तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं। मालदीव के राष्ट्रपतियों का चुने जाने के बाद पहली विदेश यात्रा में भारत आना एक परम्परा रही है। हालाँकि, भारत विरोधी भावनाओं को हवा देकर चुनाव जीते मुइज्जू ने इससे किनारा किया।

मीडिया पोर्टल WION के अनुसार इस यात्रा के लिए प्रस्ताव यह विवाद चालू होने से पहले रखा गया था। हालाँकि, अब इसको लेकर भारत का क्या रुख होगा, यह देखने वाली बात होगी। मुइज्जू, मालदीव में भारत विरोधी कैम्पेन ‘India Out’ को हवा देते रहे हैं।

भारत-मालदीव विवाद में अब तक क्या हुआ?

गौरतलब है कि हाल ही में मालदीव की मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्री मरियम शिनुआ, मालशा शरीफ और अब्दुल्ला मह्जूम समेत पार्टी के अन्य सदस्यों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ काफी अपमानजनक टिप्पणियाँ की थीं। मुइज्जू की सरकार में मंत्री मरियम शिनुआ ने प्रधानमंत्री मोदी को इजरायल की कठपुतली कहा था। इनकी यह अभद्रता प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें डालने के बाद सामने आई थी।

भारत के नाराज होने के बाद मालदीव की सरकार ने इन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था और साथ ही एक बयान जारी करके कहा था कि मालदीव की सरकार ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है और यह इन व्यक्तियों के निजी मत हैं। मालदीव के दो पूर्व राष्ट्रपति और मालदीव की राजनीतिक पार्टियों ने भी मुइज्जू सरकार के मंत्रियों की आलोचना की थी।

इनकी अपमानजनक टिप्पणियों के कारण भारत में मालदीव के प्रति उबाल आ गया और लोगों ने मालदीव के इस रवैये की आलोचना की। एक्स (पहले ट्विटर) पर भी इसको लेकर लगातार अभियान चलाया गया। भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति की गई टिप्पणियों को राजनयिक स्तर पर भी मालदीव के साथ उठाया।

प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर अपमानजनक टिप्पणियाँ करने के कारण कई बॉलीवुड सितारों और हस्तियों ने मालदीव के रवैये की निंंदा की थी। साथ ही लक्षद्वीप को बढ़ावा देने वाले ट्वीट किए थे। इन ट्विट्स में उन्होंने कहा था कि वह लोग भी लक्षद्वीप जाएँगे। वहीं ऑनलाइन ट्रैवल कम्पनी EaseMyTrip ने भी कहा था कि वह मालदीव की फ्लाइट टिकट बुक करना बंद कर देंगे।

भारत द्वारा मामले को राजनयिक स्तर पर उठाने के बाद मालदीव के हाई कमिश्नर इब्राहीम शहीब को विदेश मंत्रालय ने तलब किया था। मालदीव के हाई कमिश्नर 8 जनवरी, 2024 को सुबह नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्रालय पहुँचे। उन्हें यहाँ कुछ ही मिनटों के लिए बुलाया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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