त्रिपुरा के एक आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज में सरस्वती माँ की मूर्ति को अश्लीलता से गढ़ने और बिना पारंपरिक साड़ी के दिखाने पर विवाद हो गया। मूर्ति देखने के बाद अखिल भातीय विद्यार्थी परिषद और बजरंग दल ने प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरस्वती माता को इस तरह दिखाना अश्लीलता फैलाने से अधिक कुछ नहीं।
बता दें कि सरस्वती माता की जिस मूर्ति को लेकर इतना बवाल हुआ है उसकी वीडियो फोटो भी एबीवीपी त्रिपुरा ने अपने हैंडल पर शेयर की है। इस मूर्ति की फोटो में साफ पता चल रहा है कि कितने अश्लील ढंग से माता को प्रदर्शित करने का प्रयास हुआ है। मूर्ति में क्लीवेज का डिजाइन गढ़ा गया और मूर्ति पर पारंपरिक साड़ी तो दूर कोई कपड़ा तक नहीं है। इस मूर्ति की जानकारी जब हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को हुई तो वो बहुत भड़के।
‼️SHAME | Saraswati Idol Without Saree Sparks Huge Row At Tripura College.
— tikhna.drishti (@DrishtiTikhna) February 15, 2024
Saraswati Puja celebrations at a government college in Tripura were marred by protests led by members of the Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) and subsequently joined by the Bajrang Dal. pic.twitter.com/qZJUdQKCtO
इस मामले पर एबीवीपी के त्रिपुरा यूनिट के महासचिव दिबाकर आचार्यजी ने कहा कि उन्हें इस प्रकार सरस्वती माता गलत चित्रण से समस्या है। उन्होंने कहा- “जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज बसंत पंचमी है और पूरे देश में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। सुबह-सुबह हम सभी को खबर मिली कि गवर्नमेंट आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज में देवी सरस्वती की मूर्ति को बहुत गलत और अश्लील तरीके से बनाया गया है।”
ত্রিপুরা আর্ট এন্ড ক্রাফট মহাবিদ্যালয়ে মাতা সরস্বতী দেবীর প্রতীমাকে বিকৃত করে অশ্লীলভাবে দেখানোর চেষ্টা করা হয়েছে।
— ABVP Tripura (@ABVPTripura) February 14, 2024
এরই প্রতিবাদে আজ বিদ্যার্থী পরিষদের কার্যকর্তারা মহাবিদ্যালয়ে গিয়ে এই নিন্দনীয় ঘটনার প্রতিবাদ করেন এবং মায়ের প্রতিমাকে সঠিকভাবে বস্ত্ৰ পড়িয়ে দেন । pic.twitter.com/cMPHerRHhR
प्रदर्शनकारियों के विरोध के बाद त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थित आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज में रखी गई मूर्ति को साड़ी पहनाई गई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने कॉलेज प्राधिकरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
ত্রিপুরা আর্ট এন্ড ক্রাফট মহাবিদ্যালয়ে মাতা সরস্বতী দেবীর প্রতীমাকে বিকৃত করে অশ্লীলভাবে দেখানোর চেষ্টা করা হয়েছে।
— ABVP Tripura (@ABVPTripura) February 14, 2024
এরই প্রতিবাদে আজ বিদ্যার্থী পরিষদের কার্যকর্তারা মহাবিদ্যালয়ে গিয়ে এই নিন্দনীয় ঘটনার প্রতিবাদ করেন এবং মায়ের প্রতিমাকে সঠিকভাবে বস্ত্ৰ পড়িয়ে দেন । pic.twitter.com/cMPHerRHhR
वहीं कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति हिंदू मंदिरों में देखी जाने वाली पारंपरिक मूर्तिकला के अनुसार है और इसका धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई इरादा नहीं था। मूर्ति को अंततः कॉलेज अधिकारियों द्वारा बदल दिया गया और पूजा पंडाल के पीछे प्लास्टिक की चादरों से ढक दिया गया। प्रदर्शन के बाद मौके पर पुलिस भी आई लेकिन कोई आधिकारिक कंप्लेन नहीं हुई।