Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजनहीं होगा VVPAT पर्चियों का 100% मिलान, EVM से ही होगा चुनाव: सुप्रीम कोर्ट...

नहीं होगा VVPAT पर्चियों का 100% मिलान, EVM से ही होगा चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सारी याचिकाएँ, बैलट पेपर की माँग भी रद्द

वीवीपैट वेरिफिकेशन के लिए एसोसिएशन फार डेमेक्रेटिक रिफार्मस (एडीआर) संस्था और कुछ अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएँ दाखिल की थी। इनमें माँग थी कि वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से 100 प्रतिशत मिलान किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने आज सारी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा मतदान ईवीएम मशीन से होगा और ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसद मिलान नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट (वोटिंग पर्ची दिखाने वाली मशीन) वेरिफिकेशन की माँग पर बड़ा फैसला सुनाते हुए शुक्रवार (26 अप्रैल 2024) को इससे जुड़ी सारी याचिकाएँ खारिज कर दीं। इसके अलावा बैलेट पेपर की माँग को लेकर भी दर्ज याचिकाओं को रद्द किया गया। कोर्ट ने कहा कि मतदान ईवीएम मशीन से होगा और ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसद मिलान नहीं होगा

बता दें कि वीवीपैठ वेरिफिकेशन और बैलेट पेपर से जुड़ा यह फैसला जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सुनाया है। इस संबंध में एसोसिएशन फार डेमेक्रेटिक रिफार्मस (एडीआर) संस्था और कुछ अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएँ दाखिल की थी। इनमें माँग थी कि वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से 100 प्रतिशत मिलान किया जाए।

कोर्ट ने ये याचिकाएँ खारिज करते हुए कहा कि कोई भी उम्मीदवार नतीजों के 7 दिनों के भीतर ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर के सत्यापन के लिए शुल्क का भुगतान करके दौबारा काउंटिंग की माँग कर सकता है। इसके साथ उन्होंने चुनाव के बाद सिंबल लोडिंग यूनिटों को भी सील कर सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।

गौरतलब है कि इस मामले में चुनाव आयोग ने पीठ से कहा था कि ईवीएम और वीवीपैट में किसी तरह की छेड़छाड़ होना मुमकिन ही नहीं है। आयोग ने इस दौरान मशीनों की सुरक्षा, उन्हें सील करने और उनकी प्रोग्रामिंग के बारे में भी सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया था। बावजूद सभी सबूतों के एडीआर की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण मशीनों में छेड़छाड़ की आशंका पर बात रखते रहे। आखिरकार कोर्ट ने उनसे पूछा भी क्या सिर्फ संदेह के आधार पर कोर्ट ईवीएम के बारे में आदेश दे दें, वो भी तब जब इसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है केवल संदेह है।

इससे पहले कोर्ट ने इस मामले पर 24 अप्रैल को फैसला सुरक्षा रखा गया था। उस समय भी कोर्ट ने कहा EVM-VVPAT के मामले में कहा कि जिन लोगों ने याचिकाएँ लगाई हैं वह खुद गडबडियों को लेकर एकदम पुष्ट नहीं हैं बल्कि उन्हें शंका है। कोर्ट ने कहा कि जब उसने इस मामले में समाधान पूछा तो एक व्यक्ति ने कहा कि वापस बैलट पेपर लगा दो। कोर्ट ने यह सारी दलीलें सुनने के बाद मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रखा था और आज उन्हीं दलीलों के मद्देनजर सब याचिकाएँ खारिज कर दीं।।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -