Sunday, November 17, 2024
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हिंदी की कोई ज़रूरत नहीं है… फहाद फाज़िल की मलयालम फिल्म ‘आवेशम’ में राजभाषा का अपमान? सोशल मीडिया में छिड़ी बहस

फिल्म में फहाद फाज़िल ने 'रंगा' नाम का किरदार निभाया है। एक दृश्य में दिखाया गया है कि रंगा कॉलेज के सीनियरों को धमकी दे रहा है। इस दौरान पहले मलयालम में धमकी देता है, फिर कन्नड़ में, फिर हिंदी में और अंत में फिर से कन्नड़ में।

मलयालम फिल्म ‘आवेशम’ के एक दृश्य में हिंदी भाषा का अपमान किए जाने का आरोप लगा है। बता दें कि दक्षिण भारत में कुछ तत्वों द्वारा हिंदी थोपे जाने का आरोप लगाते हुए अपने ही देश की भाषा का विरोध किया जाता है। यहाँ तक कि वहाँ के राजनेता भी इसकी फसल काटते हैं। फहाद फाज़िल को अल्लू अर्जुन अभिनीत तेलुगु फिल्म ‘पुष्पा’ (2021) में बतौर विलेन शोहरत मिली थी। मलयालम मनोरंजन इंडस्ट्री में उनकी कई फिल्मों को समीक्षकों द्वारा प्रशंसा मिली है।

‘आवेशम’ में भी उनके परफॉर्मेंस की तारीफ की जा रही है। 155 करोड़ रुपए बटोरने के बाद अब ‘Amazon Prime’ के जरिए OTT पर रिलीज किया गया है। फिल्म में फहाद फाज़िल ने ‘रंगा’ नाम का किरदार निभाया है। एक दृश्य में दिखाया गया है कि रंगा कॉलेज के सीनियरों को धमकी दे रहा है। इस दौरान पहले मलयालम में धमकी देता है, फिर कन्नड़ में, फिर हिंदी में और अंत में फिर से कन्नड़ में। इसके बाद उसका एक साथी उसे जाकर रुकने के लिए कहता है, क्योंकि धमकी लंबी खिंच गई।

इस दौरान वो कहता है कि सबको सन्देश मिल गया है, अब हमें निकलना चाहिए। इस दौरान रंगा पूछता है, “हिंदी की ज़रूरत नहीं है?” उसका साथी कहता है, “कोई ज़रूरत नहीं है।” जब सोशल मीडिया में इस संबंध में ध्यान दिलाया गया कि तो कई दक्षिण भारतीय कहने लगे कि भारत की कोई एक आधिकारिक भाषा नहीं है। ‘आवेशम’ को नियमों के विरुद्ध रिलीज के 28 दिन बाद ही OTT पर रिलीज कर दिया गया, जबकि केरल के फिल्म एक्सहिबीटर्स एसोसिएशन ने इसके लिए 42 दिन का विंडो रखा है।

इसी कारण ‘आवेशम’ को OTT पर रिलीज किए जाने के साथ ही थिएटरों ने निकाल बाहर किया। अब हिंदी भाषा के अपमान के आरोप के बाद नया विवाद पैदा हो गया है। वहीं कुछ फिल्म प्रशंसकों का कहना है कि दृश्य के हिसाब से ये डायलॉग उचित था, हिंदी का अपमान नहीं किया गया है। फ़िलहाल इस फिल्म को हिंदी में डब नहीं किया गया है। तमिलनाडु में भी कई नेता ‘हिंदी थोपने’ का आरोप लगा कर अपनी राजनीति चमकाते रहते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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