Sunday, September 8, 2024
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अचानक सपा MLA के घर पहुँचे अमित शाह, बंद कमरों में रायबरेली फतह के लिए मंथन: जानिए कौन हैं मनोज पांडेय, जो राहुल-अखिलेश दोनों को दे रहे सिरदर्द

मनोज पांडे ने कहा, "मैं रायबरेली की टिकट के लिए बीजेपी नहीं आया था। मैं देश मजबूत होता देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आया हूँ। मेरी पार्टी में जब कुछ लोगों ने राम पर ही सवाल उठा दिए तो मैं कैसे बर्दाश्त कर सकता था? मेरा विरोध स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर शुरू हुआ था, जो सनातन और रामचरितमानस को गाली देते थे। नेतृत्व भी मेरी बात नहीं सुन रहा था। इसलिए भाजपा के साथ आ गया।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार (12 मई 2024) को समाजवादी पार्टी के बागी विधायक मनोज पांडे के रायबरेली स्थित आवास पर पहुँचे और वहाँ चाय पी। अमित शाह के साथ रायबरेली से भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह भी मौजूद थे। इस दौरान पांडेय अमित शाह को बुके दिए और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। माना जाता है कि यह मुलाकात लोकसभा चुनावों को लेकर थी।

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले मनोज पांडेय समाजवादी पार्टी से जुड़े थे। हालाँकि, राज्यसभा चुनावों से पहले उन्होंने पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कयास लगने लगे थे कि वे भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करेंगे। आखिर में उन्होंने क्रॉस वोटिंग की भी थी। तब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि क्रॉस वोटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

राज्यसभा चुनावों में वोटिंग से पहले भाजपा विधायक दयाशंकर सिंह उनके घर पहुँचे थे और मनोज पांडेय से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान दयाशंकर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी टेलीफोन पर बात कराई थी। मनोज पांडेय ऊँचाहार सीट से विधायक हैं। ऊँचाहार सीट को साल 2012 से पहले डलमऊ के नाम से जाना जाता था।

माना जाता है कि मनोज पांडेय ने समाजवादी पार्टी से बगावत इस उम्मीद से की थी कि भाजपा उन्हें रायबरेली से अपना लोकसभा उम्मीदवार बनाएगी। हालाँकि, उनकी उम्मीद हकीकत में नहीं बदली। उनके बदले दिनेश प्रताप सिंह को टिकट मिला। यूपी तक से बातचीत में पांडे ने कहा, “मैं सपा का विधायक हूँ, लेकिन पीएम मोदी, अमित शाह और सीएम योगी के साथ हूँ।”

उन्होंने कहा, “मैं रायबरेली की टिकट के लिए बीजेपी नहीं आया था। मैं देश मजबूत होता देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आया हूँ। मेरी पार्टी में जब कुछ लोगों ने राम पर ही सवाल उठा दिए तो मैं कैसे बर्दाश्त कर सकता था? मेरा विरोध स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर शुरू हुआ था, जो सनातन और रामचरितमानस को गाली देते थे। नेतृत्व भी मेरी बात नहीं सुन रहा था। इसलिए भाजपा के साथ आ गया।”

मनोज पांडेय जन्म 15 अप्रैल 1968 को रायबरेली जिले में हुआ है। पाण्डेय ने स्नातकोत्तर की डिग्री भी ली है। वे पहली बार साल 2012 में समाजवादी पार्टी की टिकट पर जीतकर यूपी विधानसभा पहुँचे थे। अखिलेश यादव की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था। इसके साल 2017 और 2022 में भी सपा के टिकट पर जीते थे। उन्हें अखिलेश यादव का वफादार माना जाता था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनोज पांडेय की कुल संपत्ति 16.30 करोड़ रुपए है। इनमें से 3.3 करोड़ रुपए की चल और 13 करोड़ की अचल संपत्ति है। उन पर दो करोड़ रुपए की देनदारी भी है। जून 2020 में उनके सुरक्षाकर्मी एक एक रिक्शा चालक को हॉकी स्टिक से बुरी तरह पीटने का आरोप लगा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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