साल 2011, ओडिशा के पुरी जिले में पीपली निवासी एक 19-वर्षीय दलित लड़की के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म ने वहाँ के लोगों को हिला के रख दिया था। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद पीड़िता लगभग 6 महीने कोमा में रही, लेकिन उसके बाद ज़िंदगी की जंग हार गई। इस दुष्कर्म में 8 आरोपित शामिल थे, जिनमें से 4 को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि 4 को छोड़ दिया गया था। इनमें से एक बर्खास्त पुलिस इंस्पेक्टर था जबकि अन्य तीन डॉक्टर थे। इंसाफ की गुहार लगाते पीड़िता के माँ-बाप 8 साल से इंतज़ार में हैं कि अपनी बिटिया को न्याय दिला पाएँ।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान बादीपुर सभा में ओड़िसा सरकार की इस मामले को लेकर जमके आलोचना की। इसके बाद इस मामला ने दोबारा से तूल पकड़ लिया। कल रविवार (6 जनवरी 2019) को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पीड़िता के माँ-बाप से मुलाकात की। धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को पीड़िता के परिजनों के घर जाकर उनसे मिलकर उन्हें इन्साफ़ दिलाने का आश्वाशन दिया। साथ ही बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें न्याय दिलाने के लिए ये मामला दोबारा उठाया है। पीड़िता की माँ ने इस दौरान मंत्री जी से सीबीआई जाँच की माँग की है।
इस मामले में ओडिशा सरकार के एक मंत्री ने कोर्ट से आरोपियों को बरी किए जाने वाले फैसले का स्वागत किया था। जिसको लेकर ओडिशा सरकार पर विपक्ष ने खूब आलोचना की थी। इन आरोपियों का समर्थन करने वाले बीजू जनता दल के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके अनुसार वो अपनी पार्टी के ईमानदार कार्यकर्ता हैं और मुख्यमंत्री की इज्ज़त करते हैं, इसलिए वो नैतिकता के आधार पर त्याग पत्र दे रहें हैं।
आपको बता दें कि फर्स्ट एडिशनल मजिस्ट्रेट (भुवनेश्वर) ने इस मामले में दो आरोपियों को गवाह न होने के कारण बरी कर दिया। जिसका समर्थन करते हुए नवीन पटनायक सरकार में कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने आरोपियों के पक्ष में टिप्पणी की थी। जिसके बाद से ही मामला फिर गर्म हो गया।