Friday, November 15, 2024
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RG कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और 4 ट्रेनी डॉक्टरों का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट: कोर्ट की मंजूरी के बाद ट्रेनी डॉक्टर की रेप-हत्या से पर्दा उठाएगी CBI

सीबीआई आरोपितों को सियालदह कोर्ट में पॉलीग्राफ टेस्ट और मजिस्ट्रेट के सामने बयान की अर्जी के लिए लेकर पहुँची थी। पॉलीग्राफ टेस्ट में जज और जिसका पॉलीग्राफ टेस्ट होना है, दोनों की सहमति लेना जरूरी होता है।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। सीबीआई ने पॉलीग्राफ टेस्ट की माँग को लेकर कोर्ट का रुख किया था, जिसके कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 साल की डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। उस समय महिला डॉक्टर के साथ तैनात रहे 4 अन्य ट्रेनी डॉक्टरों, जो महिला डॉक्टर के साथ शिफ्ट में थे, उनका भी पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा।

सीबीआई जानना चाहती है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के उस समय प्रिंसिपल रहे डॉ संदीप घोष और पीड़ित महिला डॉक्टर के साथ तैनात रहे 4 डॉक्टरों के बयान में कितनी सच्चाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई आरोपितों को सियालदह कोर्ट में पॉलीग्राफ टेस्ट और मजिस्ट्रेट के सामने बयान की अर्जी के लिए लेकर पहुँची थी। पॉलीग्राफ टेस्ट में जज और जिसका पॉलीग्राफ टेस्ट होना है, दोनों की सहमति लेना जरूरी होता है। इस मामले में सियालदह कोर्ट से सीबीआई को पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद साफ हो गया है कि कोलकाता कांड में आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और 4 ट्रेनी डॉक्टर्स का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा।

एक अधिकारी ने बताया कि हम घोष के जवाबों की और पुष्टि करना चाहते हैं, क्योंकि हमारी ओर से पूछे गए सवालों के कुछ उत्तरों में झोल है। ऐसे में हम उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के विकल्प पर विचार कर रहे। दरअसल पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति की ओर से सवालों के जवाब दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ। इस मामले में मुख्य आरोपित संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी मामला कोर्ट में है जिस पर शुक्रवार (23 अगस्त 2024) को फैसला आएगा।

पीड़ित की पहचान उजागर करने का भी केस

इस बीच, कोलकाता पुलिस ने भी संदीप घोष पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है। पुलिस ने डॉ. घोष को अब मृतक महिला डॉक्टर की पहचान उजागर करने के मामले में तलब किया है। हालाँकि, सीबीआई की पूछताछ के कारण पेश नहीं हो सके और दूसरी तारीख माँगी है।

एक तरफ तो सीबीआई लगातार घोष से पूछताछ कर रही है और अब उनकी गिरफ्तारी की तैयारी में लगी है, तो दूसरी तरफ डॉ संदीप घोष को ममता सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय में ओएसडी बना दिया है। बुधवार (21 अगस्त 2024) को जारी अधिसूचना में डॉ संदीप घोष को पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में ओएसडी नियुक्त किया गया है।

कौन हैं संदीप घोष?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप घोष ने अपनी स्कूली शिक्षा कोलकाता के पास बोंगांव हाई स्कूल से पूरी की थी। मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की। डॉ. घोष ने 1994 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और एक आर्थोपेडिक सर्जन बने। साल 2021 में वो आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल बने। इससे पहले, उन्होंने कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज में उप-प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया था।

हालाँकि संदीप घोष के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिसिंपल बनने के पीछे अलग कहानी नजर आ रही है। आजतक के मुताबिक, जब प्रिसिंपल के पद को लेकर इंटरव्यू चल रहे थे, तो संदीप घोष का नाम 16वें स्थान पर था। लेकिन रातोंरात वो सभी कैंडिडेट्स को पीछे छोड़कर लिस्ट में टॉप पर पहुँच गए और प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त हो गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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