केरल के कासरगोड में एक अंतरधार्मिक दंपती को मस्जिद में बुला कर बेइज्जत किया गया और उन पर हमला भी किया। हमले से बचने के लिए दंपती ने एक मंदिर में भाग कर शरण ली। इस मामले में दंपती ने पुलिस से शिकायत भी की है। पीड़ित दंपती ने मीडिया से भी अपनी समस्या बताई है।
जनमटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कासरगोड के अब्दुल निजामुद्दीन और अंजलि ने आपसी सहमति से विवाह किया है। यह दोनों कासरगोड में ही मंजरवाट में एक आईटी कम्पनी में काम करते हैं। इनको एक सहकर्मी रफीक से विवाद सुलझाने के नाम पर पास की मस्जिद में बुलाया गया था।
जब निजामुद्दीन यहाँ अपनी पत्नी अंजलि को लेकर पहुँचा तो मस्जिद में मौजूद कट्टरपंथी भड़क गए। उनका कहना था कि अंजलि मस्जिद में बिना इस्लाम में धर्मान्तरित हुए और बिना बुर्का पहने आई है, जो स्वीकार्य नहीं है। इसके बाद दोनों पर यहाँ मौजूद लोगों ने हमला कर दिया।
दंपती पर आरोप लगाया कि वह मस्जिद में अपनी हिन्दू पत्नी और बाकी हिन्दुओं को लेकर घुसा जो इस्लाम की तौहीन है। निजामुद्दीन पर हमले के अलावा हमलावरों ने अंजलि के सर पर वार किया और उसको काफी जलील किया। स्थितियाँ बिगड़ने पर दंपती को यहाँ से भाग कर पास के एक मंदिर में शरण लेनी पड़ी।
हमलावरों ने दंपती की गाड़ी पर हमला किया और उसके शीशे तोड़ दिए। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी बनाया और और इसे ईशनिंदा की सजा के रूप में प्रचारित किया गया। हमले के बाद पीड़ित दंपती ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामले 19 लोगों को आरोपित बनाया है और आगे जाँच कर रही है। हालाँकि, अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। पीड़ित दंपती ने अपने साथ हुए अत्याचार की कहानी कई मीडिया चैनल के साथ साझा की है।