Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयआतंकी-इस्लामी कट्टरपंथी अब ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन के मेहमान, कश्मीर की 'आजादी' पर करते हैं बात:...

आतंकी-इस्लामी कट्टरपंथी अब ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन के मेहमान, कश्मीर की ‘आजादी’ पर करते हैं बात: भारतीय छात्रों ने उधेड़ी बखिया, बोले- इनका हाथ पाकिस्तान के साथ

इस बहस में ज़फर खान को भी बुलाया गया। ज़फर खान यासीन मलिक के आतंकी संगठन की डिप्लोमेटिक विंग का सरगना है और इसका काम विदेशों में भारत के खिलाफ लॉबी करना है। जफर खान लन्दन में यही काम करता है। JKLF कश्मीर से हिन्दुओं को बाहर करने और उनका नरसंहार करने के लिए जिम्मेदार संगठन है।

इंग्लैंड की सत्ता भारत पर से भले ही 1947 में खत्म हो गई हो पर उसका दिमाग अभी भी वहीं अटका हुआ है। इंग्लैंड जब-तब भारत के आंतरिक मामलों में अड़ाता रहता है। अब इंग्लैंड की ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन ने कश्मीर की आजादी को लेकर एक बहस आयोजित करवाई है। इस बहस में कश्मीर क्यों एक स्वतंत्र देश होना चाहिए, इस पर बात की गई है।

इस मामले पर बात करने के लिए भी ऑक्सफ़ोर्ड ने इस्लामी आतंकियों और ISI से जुड़े लोगों को न्योता दिया जिन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगला। इस बहस के विरोध में भारतीय छात्रों ने प्रदर्शन किया और ऑक्सफ़ोर्ड पर आतंक के साथ खड़े होने का आरोप लगाया।

ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन ने यह बहस गुरुवार (14 नवम्बर, 2024) को आयोजित करवाई। इस बहस का शीर्षक था ‘ऑक्सफोर्ड यूनियन कश्मीर की स्वतंत्रता में विश्वास करता है।’ इस नजरिए का समर्थन करने के लिए ISI के इशारे पर काम करने वाले मुजम्मिल अयूब ठाकुर और हजारों लोगों की जान लेने वाले आतंकी संगठन JKLF के प्रोफ़ेसर जाफर खान को बुलाया।

यह वही मुजम्मिल अयूब ठाकुर है जिसका पिता अयूब ठाकुर लन्दन में ISI के लिए काम करता था। वह ISI का पैसा कश्मीर में इस्लामी आतंकी संगठनों को देता था। अयूब ठाकुर ने 70000 ब्रिटिश पाउंड आतंकी सैयद सलाहुद्दीन को तक दिए थे। उसके इन कर्मों को बेटे मुजम्मिल ने ‘जिहाद’ का नाम दिया था।

मुजम्मिल अपने बाप की तरह ही कश्मीर पर पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाता रहा है। उसके ऊपर 2022 में UAPA के तहत मामला भी दर्ज किया जा चुका है। वह उस निताशा कौल के साथ भी दिखा है जो कश्मीर के हिन्दू नरसंहार को नकारती आई है और भारत के खिलाफ लिखती बोलती है।

इसके अलावा इस बहस में ज़फर खान को भी बुलाया गया। ज़फर खान यासीन मलिक के आतंकी संगठन की डिप्लोमेटिक विंग का सरगना है और इसका काम विदेशों में भारत के खिलाफ लॉबी करना है। जफर खान लन्दन में यही काम करता है। JKLF कश्मीर से हिन्दुओं को बाहर करने और उनका नरसंहार करने के लिए जिम्मेदार संगठन है।

ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन में हुई इस बहस को लेकर लन्दन में रहने वाले भारतीयों में गुस्सा है। भारतीय छात्रों ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन के बाहर इस बहस के दौरान प्रदर्शन भी किया। उन्होंने यहाँ नारे भी लगाए कि ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन लगातार आतंकियों का समर्थन करती है। उन्होंने यहाँ भारत माता का जयघोष भी किया।

यूनियन के भीतर भी एक भारतीय छात्र ने JKLF की पोल खोल दी और कहा कि यह वही संगठन है जिसने नरसंहार में हिस्सा लिया है। भारतीय छात्र ने आरोप लगाया कि ओक्स्फ्रोड़ यूनियन पाकिस्तान के लिए बैटिंग कर रही है। इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।

ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों ने इस आयोजन को लेकर एक पत्र भी लिखा है और कहा है कि वह इससे काफी गुस्सा और डरे हुए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे संगठनों को निष्पक्ष व्यवहार करना चाहिए ना कि किसी का एजेंडा चलाना चाहिए। ब्रिटिश हिन्दुओं के संगठन इनसाईट यूके ने भी इसको लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

गौरतलब है कि इस बहस में शामिल होने को लेकर भारतीय फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को बुलाया था लेकिन उन्होंने यहाँ जाने से मना कर दिया था। इसके अलावा भारतीय पत्रकार आदित्य राज कौल ने भी यहाँ जाने से इनकार किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘भंगी’, ‘नीच’, ‘भिखारी’ जातिसूचक नहीं, राजस्थान हाई कोर्ट ने SC/ST ऐक्ट हटाया: कहा- लोक सेवकों की जाति के बारे में अनजान थे आरोपित, कोई...

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', 'मंगनी' आदि किसी जाति के नाम नहीं है।

UPPSC अब कैसे लेगा RO-ARO और PCS की परीक्षा, पुराने पैटर्न को मंजूरी देने के बाद कैसे होगा एग्जाम, क्या होगी नई तारीख: जानें...

आयोग के प्री परीक्षा को एक दिन में करवाने पर सहमत होने और RO/ARO को लेकर विचार करने के बाद भी अभ्यर्थी प्रयागराज से नहीं हिल रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -