दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि हाल ही में पकड़े गए अल कायदा के आतंकी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान) के पैसे का इस्तेमाल अपने जिहाद के लिए करना चाहते थे। पकड़े गए आतंकियों में 2 लोग पीएम किसान के लाभार्थी हैं और उन्होंने सरकार से खेती-किसानी के लिए मिला पैसा हथियार खरीदने को दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड और राजस्थान से पकड़े गए अल कायदा मॉड्यूल के आतंकियों की जाँच में यह तथ्य सामने आया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले की जाँच कर रही है। उसने यह जानकारी हाल ही में कोर्ट को दी है।
दिल्ली पुलिस को जानकारी मिली है कि कुछ और लोगों ने आतंकियों के कहने पर PM-किसान योजना का फॉर्म भरा है। पुलिस को शक है कि यह ऐसा बड़ा नेटवर्क तैयार करके सरकार से मिलने वाला पैसा अपने आंतक की फंडिंग में लगाने की कोशिश में थे। दिल्ली पुलिस अब फॉर्म भरने वालों की तलाश में है।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार 11 आतंकियों में से 8 की रिमांड दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से 6 दिनों के लिए माँगी थी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि इस मामले के गवाह ने और आतंक में और लोगों के शामिल होने की बात कही है। पुलिस ने कहा है कि उनकी पहचान के लिए रिमांड चाहिए। कोर्ट ने पुलिस को रिमांड 12 नवम्बर, 2024 को दे दी है।
PM-किसान योजना तहत छोटी जोत वाले किसानों को ₹6000 प्रतिवर्ष दिए जाते हैं। यह पैसा तीन किश्तों में दिया जाता है। इस योजना को 2019 में लाया गया था। सरकार ने किसानों को खाद-बीज खरीदने और उनकी लागत कम करने के लिए योजना शुरू की थी। लेकिन आतंकियों ने इसका इस्तेमाल अपने मंसूबे के लिए इस्तेमाल करने का प्लान बना लिया।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और ATS ने 22 अगस्त, 2024 को राँची और बाकी जगहों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में डॉक्टर इश्तियाक और उसके साथी आतंकियों को इनामुल अंसारी, शाहबाज अंसारी, मोतिउर्रहमान और अल्ताफ को गिरफ्तार किया गया था। सामने आया था कि यह सभी अल कायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट से जुड़े हुए थे।
इस मामले में राजस्थान में भी छापेमारी हुई थी। राजस्थान में हुई छापेमारी में अनामुल, शाहबाज, अल्ताफ, अरशद, हसन और उमर को गिरफ्तार किया गया था। यह राजस्थान के भिवाड़ी में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे। यह भी सभी रहने वाले राँची के पास के गाँव के ही है हैं।
सुरक्षा एजेंसियों को यहाँ से ए के 47 राइफल, प्वाइंट 38 बोर की रिवाल्वर और छह जिंदा कारतूस , .32 बोर की 30 जिंदा कारतूस, एके 47 की 30 कारतूस, डमी इंसास, एयर राइफल, आयरन एल्बो पाइप, हैंड ग्रेनेड समेत अन्य चीजें मिली थीं।
जाँच में सामने आया था कि तंकी डॉक्टर इश्तियाक फिदायीन आतंकी दस्ता तैयार कर रहा था। इश्तियाक ने इसके लिए एक पहाड़ी इलाका चुना था। यहाँ वह अपने साथी आतंकियों को लाकर हमले की ट्रेनिंग देने वाला था। वह देश में खिलाफत लाना चाहता था।