Monday, December 2, 2024
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सुखबीर बादल को टॉयलेट से लेकर जूठे बर्तनों तक की करनी होगी सफाई, प्रकाश सिंह बादल से छीना ‘फख्र-ए-कौम’: अकाल तख्त ने 2015 की पूरी पंजाब कैबिनेट को सुनाई सजा

यह सजा सुखबीर बादल द्वारा अकाल तख्त के सामने बिना शर्त माफी माँगने के बाद दी गई है। उन्होंने अपने पुराने फैसलों में हुई गलतियों को स्वीकार किया, जिसके बाद उन्हें यह सजा सुनाई गई।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने 2015 के गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी मामले में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को कथित समर्थन देने के लिए सजा सुनाई है। इस फैसले के तहत सुखबीर बादल और उनके सहयोगियों को गुरुद्वारे के किचन और बाथरूम साफ करने का दायित्व सौंपा गया है। यही नहीं, अकाल तख्त ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से फक्र-ए-कौन सम्मान भी वापस ले लिया है।

अकाल तख्त के फैसले के मुताबिक, सुखबीर बादल वर्तमान में व्हीलचेयर पर हैं। सुखबीर सिंह बादल और साल 2015 में उनके कैबिनेट के साथियों को 3 दिसंबर को दोपहर 12 से 1 बजे तक गुरुद्वारे के बाथरूम-टॉयलेट साफ करने होंगे। इसके बाद उन्हें स्नान करना होगा और फिर लंगर सेवा में हाथ बंटाना होगा।

यह सजा सुखबीर बादल द्वारा अकाल तख्त के सामने बिना शर्त माफी माँगने के बाद दी गई है। उन्होंने अपने पुराने फैसलों में हुई गलतियों को स्वीकार किया है। उनका एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें दिखता है कि ग्यानीजी उनकी गलतियाँ बताते हैं और सुखबीर बादल इसे स्वीकार करते हैं।

ग्यानी रघबीर सिंह जी उनसे पूछते हैं कि बेअदबी के विरोध में किए गए प्रदर्शन पर गोलियाँ चलाने वाले पुलिसवालों को तरक्की दी या नहीं, जिसका जवाब वह हाँ में देते हैं। इसके बाद वह कुछ केस वापस कराने सम्बन्धी प्रश्न पूछते हैं, इसका भी जवाब वह हाँ में देते हैं। इसके अलावा उनसे और भी कई प्रश्न पूछे गए। यह सभी गुनाह उन्होंने स्वीकार किए। जिसके बाद यह सजा सुनाई गई।

शिरोमणि अकाली दल में उथल-पुथल के बीच दिया था इस्तीफा

इससे पहले सुखबीर सिंह बादल ने 16 नवंबर 2024 को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह कदम पार्टी में चल रही उथल-पुथल और अकाल तख्त द्वारा उन्हें ‘तनखैया’ घोषित किए जाने के बाद उठाया।

‘तनखैया’ का मतलब है वह व्यक्ति जो धार्मिक भावनाओं का अपमान करता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने उनके इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा था कि नए अध्यक्ष के चुनाव जल्द ही होंगे।

पार्टी की स्थिति और नया नेतृत्व

अकाली दल जो कभी पंजाब की राजनीति में मजबूत पकड़ रखता था, हालिया समय में मुश्किल दौर से गुजर रहा है। लोकसभा चुनावों में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। सुखबीर बादल के इस्तीफे के बाद, पार्टी के कामकाज को संभालने के लिए बलविंदर सिंह भुंदर को पहले ही कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। अब पार्टी का कामकाज वही देखेंगे, जब तक कि नया अध्यक्ष नहीं चुना जाता।

प्रकाश सिंह बादल से वापस लिया फख्र-ए-कौम सम्मान

अकाल तख्त ने सुखबीर बादल के दिवंगत पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से ‘फ़ख्र-ए-कौम’ का सम्मान भी वापस ले लिया है। यह फैसला भी 2015 के बेअदबी मामले को लेकर लिया गया है।

बता दें कि साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले ने पंजाब की राजनीति और धार्मिक भावनाओं को झकझोर कर रख दिया था। अकाली दल, जो खुद को सिख समुदाय का प्रतिनिधि मानता है, पर इस घटना को लेकर गंभीर सवाल उठे थे। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को लेकर सुखबीर बादल और उनकी सरकार की भूमिका ने पार्टी की छवि को भारी नुकसान पहुँचाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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