Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया'राहुल भाई आप भी आइए, सवालों का जवाब दीजिए': राहुल कंवल ने भरे मंच...

‘राहुल भाई आप भी आइए, सवालों का जवाब दीजिए’: राहुल कंवल ने भरे मंच से बताया कितने सालों से राहुल गाँधी की प्रतीक्षा कर रहा इंडिया टुडे, कॉन्ग्रेस ने किया ब्लैकलिस्ट

राहुल कंवल ने कहा, “हमने राहुल गाँधी को 20 सालों से आमंत्रित किया है। लेकिन वह कभी नहीं आते। ऐसा लगता है मानो वह सवालों से एलर्जी रखते हैं।” उन्होंने कहा, "राहुल भाई आप भी आइए, सवालों के जवाब दीजिए।"

कॉन्ग्रेस पार्टी ने रविवार (15 दिसंबर 2024) को इंडिया टुडे के न्यूज़ डायरेक्टर राहुल कंवल को ब्लैकलिस्ट कर दिया। यह कदम तब उठाया गया जब इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में गृह मंत्री अमित शाह के साथ बातचीत के दौरान राहुल गाँधी पर की गई टिप्पणी को कॉन्ग्रेस ने “अपमानजनक” बताया। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर कॉन्ग्रेस और मीडिया के बीच खटास को उजागर किया।

सोशल मीडिया पर किया बैन का ऐलान

कॉन्ग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा, “कॉन्ग्रेस पार्टी हमेशा प्रेस की आज़ादी और निष्पक्ष पत्रकारिता का समर्थन करती है। लेकिन ऐसे लोग जो प्रेस कार्ड लेकर किसी राजनीतिक पार्टी के ट्रोल की तरह काम करते हैं, उनके साथ संवाद करना ज़रूरी नहीं। राहुल कंवल को ब्लैकलिस्ट करने का फैसला लिया गया है। कॉन्क्लेव में उन्होंने खुद को ‘चाणक्य’ समझने वाले नेता की वाहवाही की, जिन्होंने विपक्ष के नेता के खिलाफ बेबुनियाद बातें कहीं। राहुल कंवल को माफ करने का मौका दिया गया था, लेकिन वे बार-बार वही गलती दोहरा रहे हैं। वो पत्रकारिता के नाम पर क्या कर रहे हैं, वो हमारी समझ से परे है।”

पवन खेड़ा ने एक अन्य पोस्ट में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा—गृह मंत्री का राहुल गाँधी के खिलाफ गटर स्तरीय बातें करना या कंवल का सस्ती लोकप्रियता के लिए उनका साथ देना? क्या कंवल में हिम्मत है कि वे शाह से मोदी की पत्नी या स्नूपगेट पर सवाल पूछ सकें? क्या यही है इंडिया टुडे कॉन्क्लेव, श्रीमान अरुण पुरी?”

यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस ने राहुल कंवल पर निशाना साधा हो। खेड़ा ने सितंबर में बताया था कि एक विवादास्पद डिबेट के बाद कंवल ने कॉन्ग्रेस नेताओं से माफी माँगी थी। हालाँकि, इस बार पार्टी का रुख सख्त है।

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में क्या हुआ?
गृह मंत्री अमित शाह के साथ इंटरव्यू में राहुल कंवल ने लोकसभा चुनाव, हालिया विधानसभा चुनाव, और सीमा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सवाल किए। अमित शाह ने राहुल गाँधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “राहुल गाँधी हार में भी अहंकारी बन जाते हैं। वह हमेशा विदेशी स्रोतों पर भरोसा करते हैं। भारत में न्यायपालिका, सतर्कता संस्थाएँ और लोकतांत्रिक तंत्र मौजूद हैं, लेकिन वह अपनी आलोचनाओं के लिए विदेशी रिपोर्ट्स का सहारा लेते हैं।”

गृह मंत्री अमित शाह ने कॉन्ग्रेस की ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर स्थिति का मज़ाक उड़ाते हुए कहा, “जब कॉन्ग्रेस जीतती है, ईवीएम सही होती है। लेकिन हारते ही ईवीएम खराब हो जाती है। ये उनकी हार स्वीकार न करने की प्रवृत्ति को दिखाता है।”

कंवल ने बातचीत में जोड़ा कि राहुल गाँधी लगातार इंडिया टुडे के मंचों से दूर रहते हैं। उन्होंने कहा, “हमने राहुल गाँधी को 20 सालों से आमंत्रित किया है। लेकिन वह कभी नहीं आते। ऐसा लगता है मानो वह सवालों से एलर्जी रखते हैं।” उन्होंने कहा, “राहुल भाई आप भी आइए, सवालों के जवाब दीजिए।”

पत्रकारों से कॉन्ग्रेस के टकराव का इतिहास पुराना

कॉन्ग्रेस का पत्रकारों से टकराव नया नहीं है। सितंबर 2023 में I.N.D.I. गठबंधन ने 14 टीवी एंकरों की सूची जारी कर उनके शो का बहिष्कार किया था। कॉन्ग्रेस ने इन एंकरों पर पक्षपातपूर्ण खबरें फैलाने का आरोप लगाया था। यही नहीं, नवंबर में राहुल गाँधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में न्यूज़18 के पत्रकार को ‘बीजेपी एजेंट’ कहा, जब उन्होंने कॉन्ग्रेस पर बीजेपी के आरोपों से जुड़े सवाल पूछे। पत्रकार को कॉन्ग्रेस समर्थकों से विरोध झेलना पड़ा।

(मूल रूप से ये रिपोर्ट अंग्रेजी में प्रकाशित है। मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।)

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -