करीब 500 साल पुराना अयोध्या विवाद सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की पॉंच जजों की पीठ ने 1045 पन्नों के अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को सौंप दी है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश भी सरकार को दिया है।
लेकिन, एक वर्ग को यह ऐतिहासिक फ़ैसला नहीं भा रहा। इनमें एक एक नाम वामपंथी मीडिया स्तंभकार, TEDx स्पीकर और फैलो, संजुक्ता बसु का भी है। उसने ट्वीट किया है, “मैं एक हिन्दू हूँ और मुझे केवल और केवल मस्जिद चाहिए। मुझे शर्म आती है और खेद है कि मेरे साथी हिन्दुओं ने एक पूजा स्थल को ध्वस्त कर दिया और उन्हें सज़ा देने की बजाय पूरी भूमि देकर पुरस्कृत किया गया। मैं दुखी हूँ और शर्मिंदा हूँ कि हम अपने लिए कैसा भविष्य बना रहे हैं।”
I am a Hindu and I want a masjid and only Masjid. I am ashamed and sorry that my fellow Hindus have demolished a place of worship and instead of punishment they got rewarded with the whole land. I am sad and ashamed what future we are building for our future. https://t.co/O3tZkAUWsN
— Sanjukta Basu (@sanjukta) November 10, 2019
अपने एक अन्य ट्वीट में संजुक्ता ने लिखा है कि आज भारतीय मुस्लिम राजनीतिक तौर पर अनाथ हो गए हैं। एक भी ऐसा नेता नहीं है, जिसने अयोध्या फ़ैसले पर अल्पसंख्यकों के अधिकार की बात की हो। किसी में इतनी हिम्मत नहीं है कि कोई सरकार से पूछ सके कि पाँच एकड़ ज़मीन कब और कहाँ मिलेगी?
Indian Muslims are political orphans today. Not a single pol leader has the guts to speak the truth about #AyodhaVerdict or speak for minority rights or seek justice or negotiate with govt as to when will the 5 acre be available, where will it be.
— Sanjukta Basu (@sanjukta) November 10, 2019
ऐसे वक्त में जब ज्यादतर तबकों से इस फैसले का स्वागत हो रहा है संजुक्ता बसु की यह टिप्पणी सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करने जैसा है।
सोशल मीडिया पर ऐसी ही भड़काऊ टिप्पणी @amitbehere यूज़र ने भी की, इसमें उन्होंने लिखा, “मैं एक हिन्दू हूँ, मुझे केवल और केवल बाबरी मस्जिद चाहिए। ऐसा नहीं होने से पता चलता है कि हम न्याय की परवाह नहीं करते।”
I am a Hindu, I want a masjid and only masjid at Babri.
— amitbehere (@amitbehere) November 23, 2018
Otherwise the message will be that we bow to mobs and terrorism and don’t care about justice.
आतंकवाद के आगे नतमस्तक होने की बात करने वाले लोगों में केवल @amitbehere ही नहीं शामिल हैं, बल्कि पूर्वा अग्रवाल भी शामिल हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं एक हिन्दू हूँ, मुझे केवल बाबरी मस्जिद चाहिए। ऐसा नहीं होने से यह संदेश जाएगा कि हम भीड़ और आतंकवाद के आगे घुटने टेक देते हैं। न्याय की परवाह नहीं करते हैं। “
I am a Hindu, I want a masjid and only masjid at Babri.
— Purva Agarwala (dil Kashmiri) پوروا اگروال(کشمیری (@ppurva) November 8, 2019
Otherwise the message will be that we bow to mobs and terrorism and don’t care about justice.
I also want all perpetrators of violence to pay monetary compensation to families of victims from their own pockets. https://t.co/vfKJGCzGQI