राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार (जनवरी 20, 2019) को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पत्रकारों को रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया। इसमें वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘द क्विंट’ के चार पत्रकारों को तीन अवॉर्ड दिया गया है। पूनम अग्रवाल को उनके इलेक्टोरल बॉन्ड के लिए, तो अस्मिता नंदी और मेघनाद बोस को उनकी डॉक्यूमेंट्री ‘लिंचिस्तान’ के लिए अवॉर्ड दिया गया। इसके साथ ही शादाब मोइजी को 2013 में हुए मुज़फ्फरनगर दंगे पर बनाए गए डॉक्यूमेंट्री के लिए दिया गया।
बता दें कि मेघनाद बोस वही रिपोर्टर हैं, जिनके ऊपर मी टू मूवमेंट के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। मेघनाद के खिलाफ यौन उप्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का कहना था कि एक रात वह अपने कैंपस में लौटी तो उसने शराब पी रखी थी। कैंपस में लौटने के बाद वो लॉन पर दोस्तों के साथ मस्ती कर रही थी। तभी मेघनाद भी वहाँ पर आ गए।
थोड़ी देर के बाद महिला की दोस्तों ने उन दोनों को अकेला छोड़कर ऊपर अपने कमरे में चली गईं। पीड़िता दावा करती है कि उसके सिर में थोड़ा सा दर्द था तो उसने अपना सिर मेघनाद की गोद में रखा था। मगर जल्द ही उसे महसूस हुआ कि वो उसके होंठ और उसके मुँह को छूने की कोशिश कर रहा था। इतना ही नहीं, मेघनाद ने महिला के मुँह में ऊँगली भी डाल दी थी। जिसके बाद वह उठी और वहाँ से चली गई।
इसी तरह एक अन्य महिला ने मेघनाद पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कैंटीन में सबके सामने उससे पूछा था कि क्या उसने पुश-अप ब्रा पहनी है? इस तरह के तमाम आरोप लगने के बाद क्विंट के पत्रकार मेघनाद ने सोशल मीडिया पर अपने व्यवहार के लिए माफी माँगी। उन्होंने उन सभी महिलाओं से बिना शर्त माफी माँगी, जिसे उन्होंने असहज महसूस करवाया था। हालाँकि, जब उन्होंने बिना शर्त माफी माँगी तो यह भी कहा कि उन्हें ये बात याद नहीं है कि उन्होंने किसी के मुँह में ऊँगली डाली थी।
क्विंट की दूसरी पत्रकार पूनम अग्रवाल के खिलाफ सेना के एक जवान के आत्महत्या के केस में मामला दर्ज किया गया था। पूनम अग्रवाल पर आरोप था कि उनके एक ‘स्टिंग ऑपरेशन’ की वजह से सेना के जवान ने आत्महत्या की। दरअसल पूनम ने महाराष्ट्र के नासिक में देओलली छावनी में एक पत्रकार के रूप में अपनी पहचान छुपाते हुए हिडेन कैमरों के साथ घुस गई थी और ऐसे वीडियो रिकॉर्ड किए जिनमें सेना के जवानों को सहायकों के रूप में काम करते हुए दिखाया गया था, जो कि उन्हें नहीं करनी चाहिए।
इस दौरान पूनम ने खास तौर पर लांस नायक रॉय मैथ्यू से बात की। मैथ्यू को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि वो एक पत्रकार से बात कर रहे हैं और इस दौरान पूनम अग्रवाल ने बातचीत के माध्यम से यह साबित करने की कोशिश की थी कि जवान सहायक प्रणाली से खुश नहीं था और उसका शोषण किया जा रहा था।
इसके कुछ ही दिनों बाद रॉय मैथ्यू को छावनी के बैरक में मृत पाया गया। बैरक से एक डायरी बरामद हुई। जिससे पता चला कि जवान दबाव में था और यह आत्महत्या का मामला था। रॉय मैथ्यू के परिवार के सदस्यों ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि वह डर गया था। जवान के परिवार ने बताया कि ‘स्टिंग ऑपरेशन’ के बाद से रॉय मैथ्यू दबाव में था क्योंकि मीडिया कवरेज के कारण उनकी पहचान उजागर हो गई थी। हालाँकि, पूनम के खिलाफ लगाया गया यह आरोप बाद में न्यायपालिका द्वारा निरस्त कर दिए गए।