गुरुग्राम स्थित श्री गोबिंद सिंह ट्राईसेंटेनरी विश्वविद्यालय (SGTU) ने एक कश्मीरी छात्रा को यूनिवर्सिटी से निष्काषित कर दिया है। छात्रा ने सोशल मीडिया पर पुलवामा हमले को सही ठहराया था। उसने पुलवामा में वीरगति को प्राप्त हुए जवानों का अपमान करते हुए व्हाट्सएप पर एक स्टेटस लगाया था। कुछ अन्य छात्रों ने इस स्टेटस को देखा और उन्होंने यूनिवर्सिटी को इसकी सूचना दी। स्क्रीनशॉट्स देखने के बाद यूनिवर्सिटी ने छात्रा को निष्काषित करने का निर्णय लिया।
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार द्वारा हस्ताक्षरित ऑर्डर में लिखा है:
“विश्वविद्यालय कैंपस में इस तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि छात्रा को तत्काल प्रभाव से रस्टीकेट किया जाए। इस मामले की जाँच के लिए एक चार सदस्यीय पैनल गठित किया गया है।”
The Kashmiri sophomore was rusticated from Gurgaon’s Shree Guru Gobind Singh Tricentenary University Tuesday, for circulating what the varsity claimed were “anti-nation” posts on social media in the wake of last week’s Pulwama terror attack.https://t.co/n1ezA5kAUu
— KAUSHAL KISHORE (@HolyGanga) February 19, 2019
ख़बरों के मुताबिक़, छात्रा ने इंस्टाग्राम पर भी ऐसे पोस्ट लगाए थे, जिसे देखने के बाद अन्य छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय के एक अन्य छात्र ने बताया:
“लड़की ने टिप्पणी की थी और उसके पोस्ट से पता चल रहा था कि उसकी नज़र में हमारे सैनिकों के साथ जो कुछ हुआ वह सही था… हमने विरोध किया… और विश्वविद्यालय ने उसे निकाल दिया। हम इस मामले को और आगे नहीं ले जाना चाहते।”
मंगलवार (फरवरी 19, 2019) को सुबह 9 बजे से सैकड़ों छात्र जुटने शुरू हो गए थे। ‘भारत माता की जय’, ‘वन्दे मातरम्’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ का नारा बुलंद करते हुए उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर मामले से गंभीरता से लेने का दबाव बनाया। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने छात्रा को निकालने का निर्णय लिया। यूनिवर्सिटी के इस निर्णय के बाद विरोध-प्रदर्शन बंद हो गए।
यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने बताया कि अनुशासनिक समिति ने शुरुआती जाँच में छात्रा को दोषी पाया गया। उसके माता-पिता और स्थानीय अभिभावक को भी इस बारे में सूचना दे दी गई। प्रवक्ता ने बताया कि यूनिवर्सिटी में 30 से भी अधिक कश्मीरी छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
इस से पहले नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (NIMS) ने चार कश्मीरी छात्राओं को सस्पेंड किया था। इन्होंने व्हाट्सएप के जरिए देशद्रोही कंटेंट को फॉरवर्ड किया था। देश भर में कई जगह से कश्मीरी छात्रों द्वारा ऐसी हरकतें करने के समाचार आए हैं। पुलवामा हमले के बाद ऐसे कई दोषियों को गिरफ़्तार भी किया जा चुका है।