पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार ने एन-95 मास्क के निर्यात पर रोक लगाने में देरी कर दी। अब भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने उनके आरोपों का जवाब देते हुए बताया कि ये फ़ैसला 31 जनवरी को ही ले लिया गया था, जब ‘वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन’ ने कोई एडवाइजरी भी नहीं जारी की थी। सरकार ने न सिर्फ़ एन-95 मास्क बल्कि 2-3 प्लाई मास्कों के निर्यात पर भी रोक लगाने का निर्णय जनवरी में ही ले लिया था।
इसी बीच चीन ने भी भारत को कई ‘पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स’ गिफ्ट किए हैं। चीन ने भारत को 1.70 लाख PPEs डोनेट किया है। सभी हॉस्पिटलों में अभी 1.9 लाख कवरऑल दिए जा चुके हैं, जिसमें से 20,000 तो सिर्फ़ डोमेस्टिक सप्लाई है। सरकार ने बताया है कि अभी भारत के हॉस्पिटलों में 3,87,473 PPEs हैं जो पहले से ही मौजूद हैं। सरकार अब तक 2.94 लाख PPEs हॉस्पिटलों को सप्लाई कर चुकी है। इसके अलावा 2 लाख मास्क भी इन हॉस्पिटलों को भेजे जा रहे हैं, जिन्हें घरेलू स्तर पर ही बनाया गया है।
अब तक सरकार 20 लाख एन-95 मास्क्स को विभिन्न अस्पतालों में मुहैया करा चुकी है। इस हिसाब से अभी फ़िलहाल देश में 16 लाख एन-95 मास्क उपलब्ध होने की बात सरकार ने बताई है। जिन राज्यों में कोरोना वायरस के मामले ज्यादा हैं, उन्हें इन चीजों की ज्यादा सप्लाई दी जा रही है, जैसे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान। देश के कुछ बड़े अस्पतालों को भी बड़े पैमाने पर उपकरण मुहैया कराए गए हैं। विदेश से भी सप्लाई शुरू हो गई है, जो सरकार के लिए राहत की बात है।
2 lakh domestically produced N95 masks are being sent to hospitals. Including these, over 20 lakh N95 masks have been supplied by Govt. About 16 lakh N95 masks are presently available in country&this figure will increase with the fresh supply of 2 lakh masks: Government of India https://t.co/wEuEwM5ZBK
— ANI (@ANI) April 6, 2020
11 अप्रैल के बाद से और भी सप्लाई आएगी। सिंगापुर की एक कम्पनी को 80 लाख कम्प्लीट PPEs के लिए पहले ही ऑर्डर दिया जा चुका है। 11 अप्रैल के बाद वाले सप्ताह में 2 लाख PPEs आएँगे और उसके अगले सप्ताह 8 लाख की सप्लाई आएगी। एक चाइनीज कम्पनी से भी 60 लाख PPEs के लिए बात चल रहा है, जो अंतिम स्टेज में है। कुछ विदेशी कंपनियों को प्रोटेक्टिव गॉगल्स के लिए भी ऑर्डर किया गया है। डीआरडीओ और भारतीय रेलवे भी लगातार उत्पादन में लगा हुआ है।