Sunday, April 28, 2024
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12 मई तक जमा करें मोबाइल-लैपटॉप: जफरुल इस्लाम को दिल्ली पुलिस का नोटिस, अरब का दिखाया था धौंस

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोबाइल और लैपटॉप जमा कराने के संबंध में जफरुल इस्लाम को नोटिस जारी किया है। इसी दिन दिल्ली हाई कोर्ट में इस्लाम की याचिका पर सुनवाई होनी है। देशद्रोह मामले में अग्रिम जमानत के लिए उन्होंने याचिका दायर कर रखी है।

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम को 12 मई तक मोबाइल और वह लैपटॉप जमा कराना होगा जिससे उन्होंने विवादित पोस्ट सोशल मीडिया में की थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस संबंध में उन्हें नोटिस जारी किया है।

इसी दिन दिल्ली हाई कोर्ट में इस्लाम की याचिका पर सुनवाई होनी है। देशद्रोह मामले में अग्रिम जमानत के लिए उन्होंने याचिका दायर कर रखी है।

एक सोशल मीडिया पोस्ट में हिंदुओं को अरब का धौंस दिखाने के बाद से इस्लाम विवादों में हैं। शुक्रवार को कई मुस्लिम संगठनों और मौलवियों ने उनके समर्थन में बयान जारी किया था। देशद्रोह के मामले में दर्ज FIR रद्द करने की मॉंग करते हुए कहा था कि उन्हें उत्पीड़ितों के पक्ष में बोलने के लिए ‘दंडित’ किया जा रहा है।

30 अप्रैल को जफरुल इस्लाम को देशद्रोह (आईपीसी धारा 124 ए) और धार्मिक हिंसा (आईपीसी धारा 153 ए) को बढ़ावा देने के लिए मुकदमा दर्ज किया गया था।

उम्र का हवाला देते हुए इस्लाम पुलिस जॉंच में शामिल होने से असमर्थता जता चुके हैं। 06 मई 2020 को पुलिस को पत्र लिख कर उन्होंने कहा था कि वे पुलिस स्टेशन नहीं आ सकते। पुलिस चाहे तो उनके घर पर उनसे पूछताछ कर सकती है।

28 अप्रैल को जफरुल इस्लाम ने ट्वीट कर कहा था कि कट्टर हिन्दुओं को शुक्र मनाना चाहिए कि भारत के मुस्लिमों ने अरब जगत से कट्टर हिन्दुओं द्वारा हो रहे ‘घृणा के दुष्प्रचार, लिंचिंग और दंगों’ को लेकर कोई शिकायत नहीं की है और जिस दिन ऐसा हो जाएगा, उस दिन अरब के मुस्लिम एक आँधी लेकर आएँगे, एक तूफ़ान खड़ा कर देंगे।

खान ने पोस्ट में शाह वलीहुल्ला देहलवी, अबू हस्सान नदवी, बहुदुद्दीन खान और ज़ाकिर नाइक को हीरो की तरह पेश किया था। बता दें कि मलेशिया में रह रहे इस्लामी प्रचारक ज़ाकिर नाइक को वापस लाने के लिए भारत सरकार प्रयत्न कर रही है और उसके ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर आतंकियों को भड़काने तक के आरोप हैं। 

माफ़ी माँगने से इनकार

जफरुल इस्लाम ने पोस्ट पर कहा था कि, “कुछ मीडिया हाउस ने इस तरह से रिपोर्ट किया कि मैंने अपने ट्वीट के लिए माफी माँगी और उसे डिलीट कर दिया है। मैंने अपने ट्वीट के लिए माफी नहीं माँगी है और न ही उसे डिलीट किया है। मैंने ट्वीट के लिए नहीं बल्कि मेडिकल इमरजेंसी के समय ट्वीट करने के लिए खेद जताया था। वो ट्वीट अभी भी मेरे ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर उपलब्ध हैं। 1 मई 2020 को अपने बयान में मैंने कहा था कि मैं अभी भी अपने विचार के साथ पूरी दृढ़ता के साथ खड़ा हूँ और मेरे द्वारा किए गए टिप्पणियों में कुछ भी गलत नहीं कहा गया है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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