Monday, October 7, 2024
Homeदेश-समाजमैंने 15 नॉन-मुस्लिम छात्रों को फेल कर दिया है: मिलिए जामिया के प्रोफेसर अबरार...

मैंने 15 नॉन-मुस्लिम छात्रों को फेल कर दिया है: मिलिए जामिया के प्रोफेसर अबरार से, जाकिर नाइक का है फैन

यहाँ सवाल ये उठता है कि ऐसे व्यक्ति पर आज तक जामिया ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, जब वो खुले रूप से सोशल मीडिया को माध्यम बना कर इस तरह की घृणास्पद बातें कर रहा है। एक ऐसा प्रोफेसर, जो कोरोना वायरस को 'अल्लाह का इम्तिहान' बताता है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक प्रोफेसर ने दावा किया है कि उसने उन नॉन-मुस्लिम छात्रों को परीक्षा में फेल कर दिया है, जो सीएए के पक्ष में थे या जो सीएए विरोधियों का विरोध कर रहे थे। जहाँ एक तरफ शिक्षकों से उम्मीद की जाती है कि वो बिना किसी भेदभाव के छात्रों को पढ़ाएँ और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाएँ, लेकिन प्रोफेसर अबरार अहमद लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से सीएए समर्थक छात्रों को धमकी देने में लगा हुआ है। हाल ही में उसने ऐलान किया है कि परीक्षा में 15 सीएए समर्थक छात्रों को छोड़ कर बाकी सभी छात्र पास हैं। उसने सीएए के विरोध में उसके 55 छात्र होने का दावा किया।

हालाँकि, कई लोगों को शंका थी कि कॉपी चेक करते समय प्रोफेसरों को छात्रों की पहचान पता ही नहीं होती, ऐसे में वो कैसे किसी को पहचान कर जानबूझ कर पास या फेल कर सकते हैं? हमने जामिया के कुछ लोगों से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि अटैंडेंस शीट प्रोफेसरों के पास ही होती है, इसीलिए उनके लिए ये पता लगाना कठिन नहीं है कि कौन सा रोल नंबर किस छात्र का है और कौन हिन्दू हैं और कौन मुस्लिम। अबरार अहमद ने भी ऐसा ही करने का दावा किया है। अबरार अहमद जामिया का असिस्टेंट प्रोफेसर है, जो बाटला हाउस क्षेत्र में रहता है। अबरार ज़ाकिर नाइक का भी अनुयाई है।’

वो ट्विटर पर ज़ाकिर नाइक को फॉलो करता है और उसकी विचारधारा भी कट्टर इस्लामी है। वह इससे पहले भी हिन्दुओं को लेकर भद्दी और आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुका है। अपनी एक ट्वीट में उसने कहा था कि अगर भारत हिन्दू राष्ट्र बन गया तो फिर यहाँ की महिलाओं का क्या होगा? उसने कहा था कि अधिकतर बलात्कार आरोपित वही हैं, जो हिन्दू राष्ट्र या फिर रामराज की बात करते हैं। इससे पता चलता है कि वो हिन्दुओं से किस कदर नफरत करता है। साथ ही उसने कोरोना वायरस को लेकर भी सरकार के दावों और मेडिकल जगत की सलाहों पर पानी फेरने की कोशिश की थी।

अबरार ने कहा था कि कोरोना वायरस या फिर इस प्रकार की बाकी चीजें अल्लाह की परीक्षा है। उसने दावा किया था कि कोरोना वायरस से डरे बगैर सभी को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखना चाहिए। यहाँ सवाल ये उठता है कि ऐसे व्यक्ति पर आज तक जामिया ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, जब वो खुले रूप से सोशल मीडिया को माध्यम बना कर इस तरह की घृणास्पद बातें कर रहा है। एक ऐसा प्रोफेसर, जो कोरोना वायरस को ‘अल्लाह का इम्तिहान’ बताता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केरल के सोना तस्करों की ‘पहचान’ सत्ताधारी विधायक ने बताई, कहा- ज्यादातर मुस्लिम, जारी हो फतवा: बताया- हज से लौटते समय कुरान में गोल्ड...

जलील ने एक मौलवी पर सोना तस्करी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह हज यात्रा से लौटते समय कुरान में छिपाकर सोना लाया था, हालाँकि उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है।

क्या बिहार में ईसाई धर्मांतरण पर सवाल उठाना है गुनाह, क्या दुर्दांत अपराधी है मिथुन मिश्रा जो हथकड़ी में जकड़ा: सुशासन पर बाढ़ ही...

मिथुन मिश्रा ने कुछ दिन पहले अपने चैनल पर ईसाई धर्मांतरण गिरोह की पोल खोली थी। इसके बाद उन्होंने बिहार बाढ़ पर रिपोर्टिंग करके लोगों का दर्द दर्शकों को दिखाया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -