Friday, October 18, 2024
Homeदेश-समाजसरकार कोरोना के समुदाय आधारित मैपिंग पर विचार नहीं कर रही: स्वास्थ्य मंत्रालय ने...

सरकार कोरोना के समुदाय आधारित मैपिंग पर विचार नहीं कर रही: स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट को नकारा

"हमारे लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्टेज तक न पहुँचें। इसके लिए रोकथाम के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।"

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार (मई 11, 2020) को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि केंद्र सरकार देश में कोरोना वायरस प्रकोप को समुदाय के आधार पर मैपिंग करने पर विचार कर रही है।

लव अग्रवाल ने इस खबर को खारिज करने हुए कहा कि यह खबर का बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हिस्सा है। कोरोना वायरस किसी की जाति, धर्म या मजहब नहीं देखता है।

कोरोना वायरस के धर्म-आधारित मैपिंग की रिपोर्टों को खारिज करते हुए लव अग्रवाल ने कहा कि सरकारी एजेंसियों द्वारा कुछ समूहों की पहचान की गई है, जहाँ बहुत अधिक संख्या में संक्रमण की सूचना मिली है।

अग्रवाल ने कहा, “हमारे लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्टेज तक न पहुँचें। इसके लिए रोकथाम के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।”

देश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 4213 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 1559 लोग ठीक भी हुए हैं। इसके साथ ही रिकवरी रेट भी 31.15 प्रतिशत हो चुका है।

वहीं देश की बात करें तो अब तक संक्रमित मामलों की कुल संख्या 67152 है। 20917 लोग ठीक हो चुके हैं और 44029 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

डेक्कन क्रॉनिकल ने किया था समुदाय आधारित मैपिंग का दावा

गौरतलब है कि ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ ने कल (मई 10, 2020) एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सरकार कोरोना वायरस के प्रसार को समुदाय के आधार पर समझने के लिए धर्म, जीवन शैली, आय, दैनिक दिनचर्या और परिवार के आकार आदि को लेकर मैपिंग करने पर विचार कर रही है।

डेक्कन क्रॉनिकल ने रविवार को उच्च ‘सूत्रों’ का हवाला देते हुए एक लेख प्रकाशित किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि उच्चतम स्तर पर समुदाय आधारित मैपिंग के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया।

लेख में कहा गया था कि यदि भविष्य में देश में कोरोना वायरस की स्थिति संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह भयावह स्थिति में पहुँच जाएगी तो धर्म आधारित मैपिंग यह पहचानने में मदद करेगा कि किस समुदाय में वायरस फैलने की अधिक संभावना है और उसके हिसाब से उस समुदाय या समूह पर सख्त रोकथाम लगाए जाएँगे।

लेख में यह भी कहा गया था कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में कोरोना वायरस की धड़ल्ले से बढ़ते केस को देखने के बाद समुदाय आधारिक मैपिंग की योजना बनाई गई।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्नी सेक्स से करे इनकार, तो क्या पति के पास तलाक ही विकल्प: वैवाहिक बलात्कार पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल, मैरिटल रेप को ‘अपराध’...

सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की माँग करने वालों से पूछा कि यदि पति को सेक्स ना मिले तो क्या उसके पास तलाक ही विकल्प है।

‘उन्हें पकड़ा जरूर, लेकिन मारा नहीं’: सरफराज-तालिब के ‘एनकाउंटर’ पर बोली रामगोपाल मिश्रा की विधवा, परिजन बोले- वे बिरयानी खाकर कुछ दिन में बाहर...

रामगोपाल मिश्रा के सभी परिजन आरोपितों के जिंदा पकड़े जाने से खुश नहीं है। उनका कहना है कि आरोपित कुछ दिन जेल काटेंगे, फिर बिरयानी खाकर छूट जाएँगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -