Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिश्रमिक ट्रेनों पर ममता बनर्जी की सियासत जारी, पूछा- क्या कोरोना एक्सप्रेस चला रहा...

श्रमिक ट्रेनों पर ममता बनर्जी की सियासत जारी, पूछा- क्या कोरोना एक्सप्रेस चला रहा है रेलवे?

ममता बनर्जी ने श्रमिक ट्रेनों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में पिछले दो महीने से कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता मिली थी। लेकिन अब मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग लौट रहे हैं।

लॉकडाउन में फॅंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुॅंचाने के लिए रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत की। इस पर विपक्षी पार्टियॉं शुरुआत से राजनीति करने में जुटी हैं। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे कोरोना एक्सप्रेस बता दिया है।

ममता बनर्जी ने कहा कि रेलवे हजारों प्रवासी श्रमिकों को एक ही ट्रेन में भेज रहा है, अधिक ट्रेनें क्यों नहीं दी जा रही हैं? उन्होंने पूछा कि क्या रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के नाम पर कोरोना एक्सप्रेस चला रही है?

ममता बनर्जी ने दावा किया, ”यह सामाजिक मेलजोल से दूरी का पालन किए बगैर किया जा रहा है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “क्या भारतीय रेल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बजाय ‘कोरोना एक्सप्रेस’ ट्रेनें चला रही है?” उन्होंने यह भी पूछा कि अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए और अधिक ट्रेन क्यों नहीं चलाई जा रही है?

सीएम ममता ने इस दौरान श्रमिक ट्रेनों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में पिछले दो महीने से कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता मिली थी। लेकिन अब मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग लौट रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि इस बयान के अलावा आज ममता बनर्जी ने राज्य में धार्मिक स्थलों को खोले जाने की अनुमति भी दे दी। बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 1 जून से धार्मिक स्थलों को खोला जा सकता है, लेकिन किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी। 

उन्होंने कहा, “हर धार्मिक स्थल मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा खुलेंगे। लेकिन 10 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी। न ही कोई धार्मिक आयोजन होगा। ये नियम 1 जून से लागू होगा।”

इसके अलावा राज्य के सभी चाय और जूट उद्योग भी एक जून से संचालित होने लगेंगे। वहीं, 8 जून से सभी कर्मचारियों के काम पर लौटने का भी ऐलान किया है। उन्‍होंने कहा कि 8 जून से 100 प्रतिशत क्षमता के साथ सभी सरकारी और निजी दफ्तर खुल जाएँगे। मगर, स्‍कूल जून में बंद रहेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -