दिल्ली का एक डेयरी ओनर पिछले 15 दिनों से लापता था, जिसके बारे में पता चला है कि उसकी हत्या कर दी गई। पता चला है कि नजफगढ़ के उस डेयरी ओनर की उसके ही कर्मचारी ने हत्या कर दी। आरोपित इस बात से खफा था कि लॉकडाउन के दौरान उसे सैलरी (जितनी थी, उतनी नहीं) नहीं मिल रही थी। 21 वर्षीय आरोपित मोहम्मद तस्लीम को गिरफ्तार कर लिया गया है। वो उत्तर प्रदेश के शामली का रहने वाला है।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के अनुसार, पुलिस को 12 अगस्त को सूचित किया गया था कि दिल्ली के डेयरी ओनर ओम प्रकाश लापता हो गए हैं। शुरुआत में एक मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसके कुछ दिनों बाद स्थानीय कुआँ से ही दुर्गन्ध आने के बाद लोगों ने शिकायत की। जब छानबीन की गई तो ओम प्रकाश की लाश उसी में पड़ी हुई थी, जो सड़ चुकी थी। इसके बाद तुरंत हत्या और सबूत मिटाने का मामला दर्ज किया गया।
डीसीपी आंतो अलफोंसे ने बताया कि इसके बाद बॉडी को ऑटोप्सी के लिए भेजा गया। इसके बाद पुलिस ने रूटीन जाँच के जरिए मृतक के दोस्तों, रिश्तेदारों और कर्मचारियों पर नजर रखनी शुरू की। मृतक का मोबाइल फोन भी गायब था। इसके बाद पुलिस को पता चला कि तस्लीम नाम का एक कर्मचारी गायब है। साथ ही वो डेयरी ओनर का बाइक लेकर भी चला गया था। वो छुट्टी की बात कह कर गायब हो गया था।
शामली और पानीपत में छापेमारी की गई लेकिन पुलिस को कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि तस्लीम उसी क्षेत्र में बाइक लेकर घूम रहा है। लेकिन, उसने डेयरी में आना-जाना बंद कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान तस्लीम ने स्वीकार किया कि सैलरी को लेकर ओम प्रकाश के साथ उसकी झड़प हुई थी।
Not paid during lockdown, employee kills dairy owner https://t.co/OoKoP6cNMi
— TOI Delhi (@TOIDelhi) August 24, 2020
उसके पास से मृतक के मोबाइल फोन के अलावे उस चाक़ू को भी जब्त कर लिया गया, जिसका प्रयोग कर के उसने डेयरी ओनर की हत्या की थी। उसने बताया कि पहले उसे 15,000 रुपए प्रति महीने की सैलरी मिलती थी लेकिन लॉकडाउन में उसे कम सैलरी पर काम करने बोला गया, जो उसे मंजूर नहीं था। इसके बाद दोनों में झड़प हुई। ओम प्रकाश ने 10 अगस्त की रात तस्लीम को थप्पड़ भी मारा था।
इसके बाद ओम प्रकाश जैसे ही सोने गए, तस्लीम ने एक लाठी से उनके सिर पर जोरदार वार किया। इसके बाद चाकू लेकर उनका गला रेत डाला। इसके बाद सबूत मिटाने की मंशा से उसने बॉडी को एक बैग में पैक कर के उसे पास के कुएँ में फेंक दिया। जब उससे परिजनों ने ओम प्रकाश के बारे में पूछा तो उसने कह दिया कि वो काम से कहीं गए हैं। इसके बाद वो अपने घर से फरार हो गया। अंततः पुलिस ने उसे धर-दबोचने में कामयाबी पाई।